पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन
आज इस लेख में हम पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन के विषय में बात करेंगे, जी हाँ आप ने बहुत ही सही पढ़ा हैं| आज हम जिस समय में रह रहे हैं सब लोग पवित्र आत्मा से भरे हुए दिखाई पड़ते हैं| लेकिन ये वास्तविक तौर पर कितना ज्यादा सत्य हैं| इस बात कर लेकर मैं बहुत ही चिंतित हूँ|

क्योंकि जब कोई खुद को पवित्र आत्मा से भर हुआ व्यक्ति करके कहता हैं तो ये हमारे लिए या मेरे थोड़ा मुश्किल-सा हो जाता हैं की किस तरह से उस व्यक्ति को समझ सकता हूँ| क्या मेरे पास कुछ ऐसा हैं जो मेरी सहायता करें इस बातों को समझने के लिए कि जिस बात का दावा उसके द्वारा किया जा रहा हैं क्या वह सही हैं?
क्योंकि आज के समय में बहुत सारे ऐसे झूठे विश्वासी हैं जो खुद को प्रभु का बताते तो हैं परंतु प्रभु को नहीं जानते (2 तीमोथी 3:5) | ऐसा पहली सदी से ही होता आया हैं| लेकिन आज हमारे समय में ये हमारी समझ से भी बढ़ कर हो रहा हैं| पवित्र आत्मा से भरना क्या होता हैं उस पर मैं पहले ही लिख चुका हूँ| मेरी विनती हैं की आप पहले उस लेख को पढ़ लीजिए| ताकि आपको एक आधारिक जानकारी हो जाए|
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन का आरंभ
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन पाने के लिए सबसे पहले पवित्र आत्मा का वास आप में होना चाहिए | जब तक आपके पास परमेश्वर का आत्मा यानि के पवित्र आत्मा नहीं होगा| आप पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन नहीं जी सकते हैं| पवित्र आत्मा कैसे प्राप्त करें इस पर भी मैं पहले एक लेख लिख चूका हूँ|
पवित्र आत्मा को कैसे प्राप्त करें इसको भी आप पहले पढ़ लीजिए| प्रेरित पौलुस ने इफिसियों की पत्री में पवित्र आत्मा से भरने के बारे में लिखा हैं| उस को हम अपना मुख्य पद रखते हुए आज इस शिक्षा को सीखने का प्रयास करेगे||
इफिसियों 5:18 जब प्रेरित पौलुस ने इस बात को कहा कि पवित्र आत्मा से भरते जाओ| तो उन बातों को थोड़ा अच्छे से सीखेंगे
पवित्र आत्मा से भरना एक आज्ञा हैं
जब प्रेरित पौलुस ने इस बात को इफिसुस की कलीसिया को लिखा तब वह वहाँ के लोगों को ये किसी विकल्प के जैसे नहीं बता रहा हैं| बल्कि प्रेरित पौलुस उनको ये एक आज्ञा के रूप में दे रहा हैं| पौलुस ने उनको बहुत अच्छे से बताया हैं| कि हर विश्वासी को पवित्र आत्मा से भरना हैं| हर विश्वासी का जीवन पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन होना चाहिए| पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन सिर्फ एक सच्चे विश्वासी ही जी सकता हैं|
जब आपका जीवन पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन होगा तो आपका सम्पूर्ण जीवन पवित्र आत्मा के द्वारा चलाया जाएगा|

पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन पाप पर जय दिलाता हैं (गलातियों 5:16)
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन हमको पाप पर जय दिलाता हैं| पौलुस गलातियों की कलीसिया को लिखता हैं की शरीर की लालसा का पूरा मत करों परंतु पवित्र आत्मा के मताबिक अपने जीवन को जीना आरंभ करो| पवित्र आत्मा के द्वारा आप तभी चल सकते हैं जब आप पवित्र आत्मा से भरे हुए होंगे| हमारा शरीर पाप के वश में पड़ा हैं| हम से कोई भी चाह कर इस शरीर को वश में नहीं कर सकता हैं|
प्रेरित पौलुस ने इस बात को खुद अनुभव करता हैं वह स्वयं इस बात को कहता हैं रोमियों 7:13-25 | पौलुस जिसने नए नियम के एक तिहाई हिस्से को लिखा हैं| वह खुद अपने जीवन में इस लड़ाई को लड़ रहा था| वह हमको सुझाव देता हैं कि पवित्र आत्मा के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना मुश्किल हैं| अपने अनुभव से पौलुस इस बात को कहता हैं कि पवित्र आत्मा के भर हुआ जीवन ही पाप पर हमको जय दिला सकता हैं|
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन सेवकाई के प्रेरित करता हैं (प्रेरितों 1:8)
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन हमको एक और कार्य के लिए प्रेरित करता हैं| जिसके बारे में हम प्रेरितों के काम 1:8 में पढ़ते हैं| चेलों के पास हिम्मत नहीं थी की वे जाकर यीशु मसीह के बारे में बता सकें| लेकिन जब पवित्र आत्मा उन पर आया तब से लेकर आज तक प्रभु यीशु मसीह के चेलों ने प्रचार करना प्रारंभ किया|
पवित्र आत्मा से भए हुए जीवन के साथ ही पतरस ने उस समय में प्रचार किया हैं| उसी दिन 3000 यहूदी लोग ने प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास किया| ये सब इसलिए हो सका क्योंकि पवित्र आत्मा की परिपूर्णता उनके जीवन में आई थी| प्रभु के चेलों का जीवन पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन था|
अब हम सबसे महत्वपूर्ण सवाल पर आते हैं कि पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन किस तरह से जी सकते हैं| मैं अपने पहले लेख में इस बात को बता चुका हूँ की पवित्र आत्मा से भरना क्या हैं| तो इस लेख में उस को कैसे हम बनाए रख सकते हैं इस बात को देखेंगे| जोकि हमारी सहायता करेगा की हम अपने जीवन को पवित्र आत्मा से भरा हुआ जियें|
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन कैसा होता हैं
अंगीकार
1 यूहन्ना 1:9 में यूहन्ना प्रेरित कहता हैं परमेश्वर हमारे पापों को क्षमा करने और हर अधर्म से क्षमा करने में विश्वासयोग्य ओर धरमी हैं| यूहन्ना इस पत्री को विश्वासियों को लिखता हैं| एक विश्वासी होने के नाते हमको हर रोज अपने पापों से शुद्ध होने की जरूरत हैं| क्योंकि अभी तक हमारे शरीर का उद्धार नहीं हुआ हैं| हमारा शरीर अभी तक पाप के वश में पड़ा हुआ हैं|
इसलिए हमारे जीवन में पाप के अंगीकार का होना बहुत ही जरूरी हैं| बहुत बार आप लोग सोचते हैं मैंने कौन-सा कोई पाप किया हैं| लेकिन वास्तविकता ये ही हैं हम हर समय कोई न कोई पाप कर देते हैं| और हमारा जब से जन्म हुआ हैं हम पाप ही करते हैं| पाप हमारे मन के अंदर तक बस हुआ हैं| इसलिए हमको अपने पापों से माफी मांगना बहुत ही जरूरी हैं|

हमारा दैनिक जीवन में शुद्धिकरण बहुत ही जरूरी हैं| जो हमको सिर्फ प्रभु मसीह के लहू के द्वारा ही हो सकता है| इसलिए यूहन्ना ने इस बात को विश्वास करने वालों को लिखा हैं न की किसी अन्यजाति को जो परमेश्वर के बारे में कुछ भी नहीं जानती हैं|
इसलिए पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन कभी भी पाप में जीवन को नहीं बिताएगा| वह अपने जीवन परमेश्वर को खुश करने में बिताएगा|
त्याग करना
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन में सिर्फ अंगीकार ही काफी नहीं हैं बल्कि पाप का त्याग भी उतना ही महत्वपूर्ण हैं| जैसे परमेश्वर का वचन नीतिवचन में कहता हैं| नीतिवचन 28:13 जो अपने पाप को अंगीकार करके छोड़ देता हैं उस पर दया की जाएगी|
त्याग के लिए जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया उसका अर्थ तलाक के जैसे मिलता जुलता हैं| कहने का तात्पर्य की उसके साथ किसी भी प्रकार का कोई भी संबंध नहीं होना चाहिए| एक पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन पाप से उतनी ही घृणा करता हैं जितना की परमेश्वर| वह पाप में बना नहीं रह सकता हैं
समर्पण
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन की एक और निशानी समर्पण हैं| क्योंकि परमेश्वर के कार्य के लिए कोई भी व्यक्ति अपने ही बल पर परमेश्वर के कार्य को नहीं कर सकता हैं| न ही परमेश्वर के कार्य के लिए समर्पित हो सकता हैं|
बिना समर्पण के पवित्र आत्मा आपके जीवन में कार्य नहीं कर सकता हैं| जब तक आप आपने जीवन की ड्राइविंग सीट पर पवित्र आत्मा को नहीं बैठते हैं तब तक आप परमेश्वर को भाने वाला जीवन नहीं जी सकते और न ही परमेश्वर को समर्पित जीवन जी सकते हैं|
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन ही आपको परमेश्वर के प्रति समर्पित कर सकता हैं| परमेश्वर को समर्पण करना का अर्थ हैं की अपने जीवन को वैसा जीना हैं जैसा परमेश्वर चाहता हैं| जिसको आप परमेश्वर के वचन को पढ़ कर समझ सकते हैं| की वास्तव में परमेश्वर आपके जीवन में किस तरह का समर्पण चाहता हैं| उदाहरण के तौर पर- अब्राहम का जीवन, दाऊद का जीवन इस का एक बहुत ही अच्छा उदाहरण हैं|
आज्ञाकारिता
पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन का एक सबसे बड़ा कार्य है की वह व्यक्ति परमेश्वर की आज्ञाकारित में रहेगा| क्योंकि जैसा पौलुस ने कहा कि पवित्र आत्मा के बिना प्रभु यीशु को प्रभु नहीं कह सकता| हालांकि पौलुस इसको झूठे भविष्यवक्ताओं के विषय में कहता हैं| लेकिन अगर हम इसको एक दूसरे दृष्टिकोण से देखे तो पवित्र आत्मा के बिना कोई भी प्रभु यीशु मसीह को अपने प्रभु के रूप में भी स्वीकार नहीं कर सकता हैं|
प्रभु से मेरा अर्थ है की जैसा प्रभु यीशु मसीह ने कहा वैसा ही करना| समर्पण का दूसरा पहलू आज्ञाकारित भी हैं| मत्ती 7:22 में जब प्रभु यीशु मसीह ने कहा की जो मेरे पिता की इच्छा पर नहीं चल उनको मैं नहीं जानता | यानि के बिना आज्ञाकारिता के मसीही जीवन का कोई भी जीवन नहीं हैं|
निष्कर्ष
जिन बातों को हमने ऊपर देखा हैं| वह सिर्फ एक झलक हैं पवित्र आत्मा से भरे हुए जीवन की| पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन वास्तव में बहुत ही प्रभावी और परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला होता हैं| पवित्र आत्मा के भरे हुए जीवन लक्षण के बारे में मैंने पिछले लेख में भी लिखा था| जिन चीजों की मांग हम अपनी प्रार्थना में करते हैं| अगर हम उनको जीना प्रारंभ कर देंगे तो हम पवित्र आत्मा से भरा हुआ जीवन जीते रहेंगे|