पवित्र आत्मा के वरदान: एक परिचय
पवित्र आत्मा के वरदान के बारे में आप ने बहुत बार सुना होगा। अगर नहीं तो अधिकतर विश्वासियों को प्रार्थना करते हुए तो अवश्य ही सुना होगा। कि प्रभु हमें आत्मिक वरदान दे सुना, पवित्र आत्मा के वरदान को लेकर आज कल के ज्यादातर मसीही लोगों में बहुत सारी असमंजस हैं। वे पवित्र आत्मा के वरदान के विषय में बाइबिल क्या सिखाती हैं इसको सही रीति से समझ नहीं पाते हैं।

पवित्र आत्मा का फल का अध्यन करने के बाद अब हम पवित्र आत्मा के वरदान पर अपने अध्ययन को जारी करेंगे। अगर हम पवित्र आत्मा के वरदान के बारे में विस्तार से अध्ययन करें तो ये लेख बहुत ही बड़ा हो जाएगा। परंतु आप को इस लेख में इतना सीखेंगे कि आप फिर कभी भी आत्मा के वरदान को लेकर उलझेंगे नहीं।
बल्कि आपको स्पष्ट होगा कि आत्मा के वरदान क्या हैं? क्यों हैं? कितने हैं? ऐसी सारी बातों को हम आज इस लेख में पूरा कर लेंगे। क्योंकि पवित्र आत्मा के वरदान कोलेकर बहुत सारी गलती शिक्षा फैली हुई हैं। ज्यादातर मसीही लोग समझ ही नहीं पते ही सही क्या है और गलत क्या हैं? इसलिए इस लेख को मैं बहुत ही आसान शब्दों में और आपके समझने के लिए लिख रहा हूँ।
पवित्र आत्मा के कितने वरदान हैं
ये भी बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है कि पवित्र आत्मा के कितने वरदान हैं बहुत सारे लोग बोलते है कि पवित्र आत्मा के 9 वरदान है कोई कहता है कि पवित्र आत्मा के 12 वरदान हैं। ये बहुत ही उलझे हुये लगते है। लेकिन बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं हैं। बाइबल इन सब को बहुत ही साफ रीति से बताती हैं। मैं आपको एक चार्ट बना कर देता हूँ जो आपको समझने में सहायता करेगा कि बाइबल में पवित्र आत्मा के कितने वरदान हैं
बाइबल में पवित्र आत्मा के वरदान के बारे में कहाँ लिखा हैं?
पवित्र आत्मा के वरदान के बारे में सबसे ज्यादा पौलुस ने अपनी पत्रियों में लिखा हैं। पौलुस के इलावा पतरस ने भी एक बार इसका जिक्र किया हैं वरदान के लिए जो यूनानी शब्द का उपयोग किया गया हैं वो हैं “करिज़्म” charisma जिसका अर्थ अनुग्रह का वरदान, या विश्वास का वरदान (स्ट्रॉंग के कान्कॉर्डन्स के मुताबिक G5486)। बाइबल में वरदानों के विषय में चार जगह पर बताया गया हैं। आपको उनके बारे में पता होना बहुत ह जरूरी है।
ताकि आपको पता रहे कि बाइबल में कहाँ कहाँ पर पवित्र आत्मा के वरदान के बारे में बताया गए हैं। ये बहुत ही आसान हैं इफिसियों 4:7-11; 1 पतरस 4:10; 1 कुरिनथियों 12:7-11 और रोमियों 12। बाइबल में सिर्फ इन चार जगह पर ही हमको आत्मा के वरदान के बारे में मिलता।
इफिसियों 4:7-11 | 1 कुरिनथियों 12:7-11 | रोमियों 12:6-8 | 1 पतरस 4:10 |
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प्रेरित | बुद्धि की बातें | सेवा करने का दान | बोले |
भविष्यद्वक्ता | ज्ञान की बातें | सिखानेवाला हो | सेवा |
सुसमाचार सुनानेवाले | विश्वास | दान देनेवाला | |
रखवाले और उपदेशक | चंगा करने का वरदान | अगुआई | |
सामर्थ्य के काम करने की शक्ति | दया | ||
भविष्यद्वाणी की | |||
आत्माओं की परख | |||
अनेक प्रकार की भाषा | |||
भाषाओं का अर्थ बताना |
इस चार्ट से आपको समझ में आ गया होगा कि बाइबल में पवित्र आत्मा के कितने वरदान हैं। तो इनको अपने ध्यान में रखें। ये बहुत ही समझने वाला विषय हैं। नहीं तो आप हमेशा ही उलझे रह जाएंगे
पवित्र आत्मा के वरदान का अर्थ क्या है ये क्यों दिए गए हैं?
सब चाहते हैं कि उनके पास आत्मिक वरदान या पवित्र आत्मा के वरदान है परंतु ये नहीं मालूम कि ये वरदान वास्तव में क्यों चाहिए या क्यों इन वरदानों को दिया गए हैं। मैंने आपको बता दिया है वरदान शब्द के जो शब्द यूनानी भाषा में उपयोग किया गया हैं। उसका अर्थ अनुग्रह या विश्वास के वरदान। ये सब प्रभु यीशु मसीह और पवित्र आत्मा के द्वारा एक मसीह यीशु प्र विश्वास करने वाले व्यक्ति को दिए जाते हैं। अब सवाल है कि आत्मिक वरदान क्या हैं? इसको कैसे परिभाषित किया जाए। इसके लिए एक छोटी- सी परिभाषा बनाई गई है।
आत्मिक वरदान परमेश्वर के द्वारा एक विश्वासी को दी गई विशेष योग्ता है जो मसीह की देह की बढ़ोतरी के लिए और परमेश्वर के महिमा के लिए हैं।
कलीसिया को संसार में बने रहने के लिए एक खास प्रकार की देखभाल जरूरत हैं। आप परमेश्वर की कलीसिया को संसार के मुताबिक नहीं चला सकते। इसलिए परमेश्वर ने अपने लोगों को विशेष प्रकार के वरदान दिए हैं। ताकि वे मसीह की कलीसिया को इस संसार में सही ढंग से लेकर चल सकें। ऐसा ही बाइबल में भी लिखा हैं कि ये आत्मिक वरदान मसीह की देह की बढ़ोतरी के लिए हैं। 1 कुरिनथियों 12:7; इफिसियों 4:12-13; रोमियों 12:5।

आत्मिक वरदान कलीसिया के लिए और दूसरों की देखभाल के लिए दिया जाते हैं।ये सच्चाई है आपको इसे कबूल करना ही पड़ेगा। कि परमेश्वर आपको आपकी योग्ता के मुताबिक वरदान देता हैं। पवित्र आत्मा जानता हैं कि आप क्या कर सकते हैं। उसी के अनुसार पवित्र आत्मा आपको अपनी (पवित्र आत्मा) खुद की मर्जी से वरदान देता हैं। बहुत सारे लोग आत्मिक वरदानों के लिए प्रार्थना करते हैं। कई जगह पर कहा जाता है कि आप किसी विशेष आत्मिक वरदानों के लिए प्रार्थना करें। लेकिन बाइबल में ऐसी कोई भी शिक्षा नहीं हैं। बल्कि ये सम्पूर्ण रीति से पवित्र आत्मा के ऊपर निर्भर हैं।
आत्मिक वरदान किसी विश्वासी के खुद के लाभ के लिए नहीं है और ना ही उसके अपने किसी स्वार्थ के । ज्यादातर लोग नाम फैलना चाहते हैं, वे संसार में अपना नाम करना चाहते हैं। इसलिए वे पवित्र आत्मा के वरदान को चाहते हैं। इसी के साथ ये भी सच्चाई है कि हर विश्वासही के पास एक आत्मिक वरदान अवश्य होता हैं। अगर आपने सच में उद्धार पाया है। यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण किया हैं तो उसी समय पवित्र आत्मा आप पर आता है और आपको आत्मिक वरदान देता हैं। पवित्र आत्मा के वरदान को पहचान ने में समय लग सकता हैं। परंतु कोई भी विश्वासी बिना पवित्र आत्मा के वरदान के नहीं हैं।
आत्मिक वरदान क्या नहीं हैं
कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनको अधिकतर मसीही विश्वासी पवित्र आत्मा के वरदान के रूप में समझने लग जाते हैं। आपको इस बात को भी समझना हैं की जिन बहुत सारे इसी बाते हैं जो पवित्र आत्मा का वरदान नहीं हैं। क्योंकि कई बार बहुत सारे मसीही भाई-बहन आत्मिक वरदान और कलीसिया की दूसरे कामों को एक साथ उलझा लेते हैं।तो मैं चाहता हूँ कि आपको ये भी पूर्ण रीति से साफ हो कि आत्मिक वरदान क्या नहीं हैं।
आत्मिक वरदान कोई सेवा करने का स्थान नहीं हैं
पवित्र आत्मा के वरदान कलीसिया की बढ़ोतरी के लिए दिए गए हैं। इसको कलीसिया में की जानी वाली सेवा के साथ मिलना बहुत ही गलत विचार हैं। आप किसी दूसरे धार्मिक स्थल पर जाएँगे वहाँ पर भी आपको कलीसिया की सेवा करने वाले लोगो से अधिक श्रद्धालु मिल जाएँगे। जो बहुत अच्छे तरीक़े से सेवा कर रहे होंगे। हर एक विश्वासी के अंदर सेवा भाव होना चाहिए। परंतु उसको पवित्र आत्मा के वरदान के साथ नहीं मिलाना हैं।
आत्मिक वरदान कोई पद नहीं हैं
परमेश्वर ने कलीसिया में एक नियम ठहराया हैं। उस नियम को कलीसिया में होना बहुत हैं आवश्यक हैं। अक्सर कलीसिया की बहनें के पास परमेश्वर के वचन को समझने का वरदान कलीसिया के पासबान से या अगुवों से ज़्यादा होता हैं। लेकिन पवित्र आत्मा का वरदान होने के बावजूद भी वे बाइबल के विरुद्ध नहीं जा सकती। कोई ही बहन अपने लिए कलीसिया में अपने वरदान को लेकर किसी भी पद की माँग नहीं कर सकती। ठीक वैसे ही कोई भी भाई अपने पासवान पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता। 1 तीमुथियुस 2:12
आत्मिक वरदान किसी विशेष उम्र के लिए नहीं हैं
आत्मिक वरदानों का उम्र से कुछ भी लेना देना नहीं हैं। परमेश्वर जिसको चाहे तब इस्तेमाल कर सकता हैं। परमेश्वर के वचन के में आपको बहुत सारे ऐसे उदाहरण मिल जाएँगे। जहाँ पर परमेश्वर ने बच्चों के द्वारा कार्य को किया है।पवित्र आत्मा के वरदान किसी विशेष आयु के समूह तक सीमित नहीं हैं। परमेश्वर हर किसी को प्रेम करता हैं और चाहता है हर कोई परमेश्वर को पहचाने इसलिए आप ये कह कर कि इसको क्या समझ आएगा उसको अनदेखा नहीं कर सकते।
आत्मिक वरदान कोई हुनर नहीं हैं
आत्मिक वरदान कोई हुनर नहीं है जो आपको जन्म के समय में मिलता हैं और ना ही ये कोई काम है जिसको आप सीख सकते हैं। ये पूरी तरह परमेश्वर की तरफ से दिया गया वरदान है जब आपको ये मिलता हैं तब आप इसका उपयोग करके इसको और ज्यादा चमका सकतें हैं।जैसे की गीत गाना एक हुनर हैं ये पवित्र आत्मा का वरदान नहीं हैं। पर आप अपने हुनर को परमेश्वर की महिमा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
आत्मिक वरदानों का दिया जाना
पवित्र आत्मा के वरदान का दिया जाना पूरी तरह से यीशु मसीह और पवित्र आत्मा पर निर्भर करता हैं। ये पवित्र शास्त्र के द्वारा दी गई बहुत ही साफ रीति से दे गई एक शिक्षा हैं जिसको कोई भी पढ़ कर समझ सकता हैं। 1 कुरिनथियों 12 :11 परन्तु ये सब प्रभावशाली कार्य वही एक आत्मा कराता है, और जिसे जो चाहता है वह बाँट देता है
पवित्र आत्मा के वरदान का दिया जाना पवित्र आत्मा पर निर्भर हैं।
जैसा कि मैंने ऊपर ही बता दिया है कि आत्मिक वरदानों का दिया जाना पवित्र आत्मा पर और यीशु मसीह पर निर्भर करता हैं। हमारा काम उन वरदानों को और आगे बढ़ाना हैं। उनको प्रभु की कलीसिया के लिए उपयोग करना हैं। क्योंकि मसीह जानता है कि उसकी देह के लिए किस वरदान की किसको जरूरत हैं। तो इस बात की शिकायत करने से की भी मतलब नहीं हैं कि मेरे पास उस व्यक्ति जैसा वरदान नहीं हैं। जो वरदान आपको मिला है उसे प्रभु की महिमा के लिए इस्तेमाल करें।

आत्मिक वरदान दिए जाने की एक सीमा हैं
एक बात जो मैं पहले भी बता चुका हूँ फिर से बताना चाहता हूँ, कि हर एक विश्वासी के पास एक वरदान तो जरूर होता हैं। लेकिन सारे वरदान किसी के पास नहीं होते। और ऐसा हो ही नहीं सकता। पौलुस शरीर के उदाहरण से इस बात को समझता हैं कि जैसे शरीर के सारे अंग एक दूसरे के लिए है सबका अलग अलग काम है। वैसे ही पवित्र आत्मा के वरदानों का काम हैं। जैसे एक अंग सारे काम नहीं कर सकता ठीक वैसे ही एक व्यक्ति कलीसिया के सारे वरदानों को प्राप्त नहीं कर सकता 1 पतरस 4:10।
आत्मिक वरदान समय के अनुसार सीमित हैं
जैसे सारे वरदान एक व्यक्ति को नहीं दिए गए वैसे ही सारे वरदान सारी पीढ़ी के लोगों के लिए भी नहीं हैं। परमेश्वर जानता है कि किस समय में किन वरदानों की जरूरत हैं। पवित्र शास्त्र में इस बात को भी आप देख सकते हैं। जैसे कि प्रेताई (apostleship) और भविष्यवक्ता (इस हम अच्छे तरीके से अलगे आने वाले लेख में चर्च करेंगे) ये दोनों वरदान पहली सदी में जब कलीसिया की शुरुआत हो रही तही तब दिए गए थे इफिसियों 2:20। ये दोनों वरदान उसके बाद नहीं दिए गए।
क्योंकि ये वरदान विश्वव्यापी कलीसिया के लिए थे और ये दोनों वरदान मुख्य तौर से नींव के लिए थे। जो कुछ भी प्रेरित पौलुस ने उस समय में लिखा वो आज भी हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उस समय में था।
जब आप इफिसियों की पत्री2:11-22 को पढ़ेंगे तो उसके संदर्भ में जान जाएंगे क्योंकि यहाँ पर जो भी शब्द इस्तेमाल किया गया है जैसे नया मनुष्य, एक देह (16), परमेश्वर के घराने (19); एक पवित्र मन्दिर (21); ये सब परमेश्वर की विश्वव्यापी कलीसिया के बारे में बात करते हैं। ना कि किसी स्थानीय कलीसिया (Local Church) के बारे में। पवित्र शास्त्र में हमें ये भी सीखने को मिलता हैं। जो यीशु मसीह ने जो अद्भुत काम किए वो समय में ही थे।
लेकिन उनके बाद आने वाली पीढ़ी ने ऐसा कुछ भी महसूस नहीं किया। वरदान जब भी दिया गया है तो वह सम्पूर्ण कलीसिया के लिए दिया गया है पवित्र आत्मा जानता है कि कलीसिया को कब और किस पीढ़ी को और किस समय में कौन से वरदान की जरूरत हैं। हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं होता हैं। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप को समझ आ रहा होगा कि अभी तक आप ने क्या कुछ सीखा हैं।
पवित्र आत्मा के वरदान को कैसे पहचाने ?
पवित्र आत्मा के वरदान का दिया जाना तो एक बात है। पवित्र आत्मा ने हर एक विश्वासी को एक वरदान तो दिया हैं। परंतु अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये कैसे पता करें कि मेरे पास कौन-सा वरदान हैं। परमेश्वर ने मुझे किस वरदान ने नवाजा है कि मैं परमेश्वर की सेवा में उसका उपयोग कर सकूँ। आप में से बहुत सारे लोग परमेश्वर से प्रार्थना करते होंगे कि परमेश्वर हमें बताएँ कि आप ने हमें कौन-सा आत्मिक वरदान दिया हैं। आज हम कुछ ऐसी बातों को देखेंगे जो आपकी मदद करनेगी कि आप अपने आत्मिक वरदान को पहचान पाए। {ये को मापदंड नहीं कि सिर्फ ऐसे ही पता लगेगा। }
सूची बनाना
पवित्र आत्मा के वरदान को जानने के पहले आपको पता होना चाहिए कि पवित्र आत्मा के वरदान कौन से हैं। तब ही आप पता कर पाएंगे कि आपको कौन-सा वरदान मिला हैं। तो जैसे मैंने ऊपर आपको एक सूची बना कर दी है ठीक वैसे ही एक सूची आप खुद बनाए और जाने कि आत्मिक वरदान कौन-से हैं। क्योंकि पहले आप अपने आप को आत्मिक वरदानों के बारे में शिक्षित करें। फिर परमेश्वर से प्रार्थना करें कि परमेश्वर आप पर जाहिर करें की आपके आत्मिक वरदान कौन से हैं पौलुस भी कुरिनथ की कलीसिया को यही बात बताता है 1 कुरिनथियों 12:1।
खुद को जाँचें
ये बहुत ही जरूरी है ताकि आपको अच्छे से पता हो कि आप किस बात में स्वाभाविक है और किस में नहीं। कि कौन-सी बात आपके लिए आसान हैं। परमेश्वर ने आपको कुछ हुनर दिया है और कुछ बातों को आप सीखते है जिसे हम प्रतिभा कहते है। आत्मिक वरदान जो परमेश्वर आपको देता हैं वो आपके हुनर या प्रतिभा के साथ मिलता हुआ होगा। क्योंकि परमेश्वर को पता है कि आप किस चीज में अच्छे हैं। उद्धारण के लिए पौलुस बहुत ही ज्यादा पढ़ा हुआ इंसान था इसलिए परमेश्वर ने पौलुस के द्वारा बाइबल शिक्षा के विषय में इस्तेमाल किया। इस तरह से आप भी आओने वरदान को पहचान सकते हैं।
इसके साथ ही आप कुछ सवालों को भी पुछ सकतें हैं।
- मुझे कलीसिया के किस काम को करना पसंद है ?
- कलीसिया के दूसरे लोगों मेरे बारे क्या कहते है कि मैं किस काम में बेहतर हूँ?
- मेरे किस काम का प्रभाव लोगों के जीवन पर ज्यादा पड़ता हैं?
- मैं जो काम करता हूँ क्या वो पूरे उत्साह के साथ करता हूँ और क्या उसके साथ मेरे को शांति और उत्साह आता हैं?
खुद को ज्यादा से ज्यादा अवसर दें
ये बहुत ही जरूरी हैं आपको जब भी कोई भी अवसर मिले तो उसको पूरा करने का अवसर ना छोड़े। अपने आप को कलीसिया के हर काम में लगाएँ। तब आपको पता चलेगा कि आपको किस काम को करने में सबसे ज्यादा प्रभु इस्तेमाल करता हैं। लेकिन कई बार आपको बाहर अपने रिश्तेदारों में भी आपने आप को इस्तेमाल करना चाहिए। उनको सुसमाचार सुनाने की कोशिश करें। तब आपको पता चलेगा कि आप किस काम में अच्छे हैं।
आत्मिक वरदानों का इस्तेमाल करें
1 तीमुथियुस 4:14-15 पौलुस तीमुथियुस को कहता हैं कि “उस वरदान के प्रति जो तुझ में है, और भविष्यद्वाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्चिन्त मत रह। 15 इन बातों को सोचते रह और इन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह, ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो”* आपको अपने वरदान को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना होगा ताकि आप उसके नतीजे को देख पाए।
उधारण:- मैं अपना उधारण दूँ तो मैं मैंने सबसे पहले कलीसिया के भवन की सफाई से सुरू किया था। चादर बिछाना, बाथरूम साफ करना, सभा खतम होने के बाद सफाई करना। फिर मैंने जो कलीसिया में काम होता हैं उनमें काम किया। सारा कुछ पास्टर के साथ मिलकर तैयार करवाना। फिर बर्तन साफ करना। धीरे धीरे में घरों की सभा में प्रचार करना शुरू किया। कलीसिया में बाइबल को पढ़ना शुरू किया। कुछ समय बाद मैंने कलीसिया में भजन संहिता को पढ़ना शुरू किया।
मैंने घर घर जा कर सुसमाचार के पर्चे भी बांटे। ये सब कुछ लगभग 5 साल तक चला। फिर जब मैंने लोगों के प्रतिउतर को देखा कि मेरे किस से ज्यादा प्रभाव हैं। तब मुझे पता चल कि मैं बाइबल को सिखा सकता हूँ और लोगों को अच्छे से समझ भी आता हैं। तब उसके बाद में अपने इस वरदान पर और ज्यादा मशक्त करना शुरू किया और अभी तक कर रहा हूँ। लेकिन मैं दूसरे काम करने बंद नहीं किया मैं आज जब भी मौका मिलता हैं वो सब कुछ करता हूँ। परंतु मैं वरदान को लेकर बहुत ही स्पष्ट हूँ।
निष्कर्ष
आज आप ने बहुत सारी बातों को सिखा है आप ज्यादा ना उलझे मैं उनको आप के लिए यह पर बिन्दु बना कर दे देता हीं ताकि आपको ये हमेशा ही याद रहें
- बाइबल पवित्र आत्मा के वरदानों के विषय में बहुत ही अच्छे से सिखाती हैं
- पवित्र आत्मा के वरदान कलीसिया की बढ़ोतरी के लिया है ना खुद के उपयोग के लिए
- हर एक विश्वासी के पास कम से कम एक वरदान तो है परंतु किसी के पास भी सारे वरदान नहीं हैं।
- पवित्र आत्मा के वरदान पवित्र आत्मा की इच्छा के अनुसार दिए जाते हैं। इनको मांगने की जरूरत नहीं हैं
- आत्मिक वरदान किसी प्रकार का कोई सेवकाई करने वाला स्थान नहीं हैं
- आत्मिक वरदानों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी हैं