पृष्टभूमि

पवित्र आत्मा, ये एक बहुत ही प्रचलित और सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया जाने वाला शब्द हैं। पवित्र आत्मा क्या है? और ये कहा से आया हैं? परंतु इन सब बातों से पहले आपको जो जानना है वो ये है कि “पवित्र आत्मा” शब्द कहा से आया हैं। क्योंकि आपने इस शब्द को हिन्दी साहित्य के किसी भी भाग में मुश्किल से ही पढ़ा हो।
यदि हम पवित्र आत्मा शब्द का संधि विच्छेद करो तो इसका अर्थ हमको थोड़ा स्पष्ट होगा। “पवित्र+आत्मा“। पवित्र यानि के “बहुत ही ज्यादा शुद्ध और उत्तम”, आत्मा का अर्थ तो हम सब जानते ही है। पवित्र आत्मा का अर्थ हुआ परिशुद्ध आत्मा।
सबसे पहले तो हमें ये समझना हैं कि पवित्र आत्मा का विषय हमारे यहाँ से नहीं है। पवित्र आत्म की उत्पति या ऐसा कहना ज्यादा बेहतर होगा कि पवित्र आत्मा यूनानी भाषा नयुमा (pneuma) से आया हैं। जिसका अर्थ यही हव्वा, सांस जिसको इंग्लिश बाइबल में spirit करके अनुवाद किया गया हैं। पवित्रआत्मा के बारे में अध्यन को धर्मविज्ञान की भाषा में Pneumatology (नुमाटालॉजी) कहा जाता।
परमेश्वर आपके मनो को तैयार करें कि आप पवित्र आत्मा के बारे में अच्छे से सीख सके और जान सकें कि पवित्र आत्मा क्या है । कुछ भी सीखने या किसी के बारे में भी सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि जो कुछ बी अपने पहले से सीखा है उसको बिल्कुल भूल जाएँ। परंतु मैं आपको ऐसा करने के लिए बिल्कुल भी नहीं कहूँगा। क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप उन सब बातों को याद रखे और जाने कि आप ने पवित्रआत्मा के बारे में क्या गलत सिखा हुआ है या आपने पवित्रआत्मा के खिलाफ कौन सी गलत धारणा बनाई हुई हैं।
मैं आज आपको कुछ ऐसी गलतफहमियों के बारे में बताने जा रहा हूँ जो पवित्र आत्मा के संबंध में बहुत ही ज्यादा फैली हुई हैं हम उनको एक एक करके समझेंगे और उसकी सच्ची को जानेगे।
पवित्र आत्मा के विषय में गलतफहमियाँ
गलतफहमी: पवित्र आत्मा एक सामर्थ हैं

ये बहुत ही बड़ी गलतफहमी है कि पवित्रआत्मा एक सामर्थ हैं। पवित्रआत्मा एक ऐसी सामर्थ है जिसको परमेश्वर अपनी इच्छा और कार्य पूर्ण करने के लिए करता हैं। (मीका 3:8; लूका 1:35। बहुत सारे लोग अभी भी पवित्रआत्मा को एक तरह कि ताकत ही मानते हैं। लेकिन इस की सच्चाई कुछ ओर ही हैं।
सच्चाई:- पवित्रआत्मा कोई सामर्थ नहीं हैं। अगर ध्यान से बाइबल को पढ़ेंगे तो आप पाएंगे
“पवित्रआत्मा का सामर्थ” न कि पवित्र सामर्थ; अगर आप पुराने निए में पढ़ेंगे तो आपको मिलेगा कि पवित्रआत्मा ने उनको सामर्थ से भर दिया। या वे पवित्रआत्मा की सामर्थ से भर गए। कहीं भी आपको ये नहीं मिलगा कि शमूएल, दाऊद, शिमशोन पवित्र सामर्थ से भर गए। और जब भी पवित्रआत्मा ने उनको सामर्थ से भरा तो उन्होंने आश्चर्यजनक काम किया जिनके बार में हम बाइबल में पढ़ते हैं। 1 शमूएल 16:13; निर्गमन 31:2–5; गिनती 27:18; न्यायियों 14:6, 19; 15:14; प्रेरितों के काम 2:1–4
दूसरा सवाल जो इस दृष्टिकोण पर उठता हैं कि एक सामर्थ को क्या पता कि कब क्या करना हैं?
जबकि बाइबल में हम देखते हैं कि पवित्रात्मा बहुत ही सुलझे हुए तरीके से काम करता हैं। पवित्र आत्मा को पता हैं कि किसको कौन सा वरदान देना हैं। और प्रेरितों को कैसे अगुवाई करनी हैं 1 कुरिन्थियों 12:4-11 । तो सबसे पहले अपने दिमाग से और मन से इस बात को निकाल दे कि पवित्र आत्मा किसी प्रकार की कोई सामर्थ हैं।
गलतफहमी: पवित्र आत्मा को बुलाना पड़ता हैं।

अब शायद आप में से बहुतों को इस मुद्दे पर बात करना अच्छा ना लगे, परंतु सच्चाई का आपको पता होना बहुत ही जरूरी हैं। आज के युग के मसीही लोग पवित्रआत्मा को बुलाते हैं। पवित्रआत्मा पाने के लिए बहुत से मसीही उपवास प्रार्थना करते हैं। कुछ तो गीत भी ऐसे ही बनना दिए गए हैं जैसे, आ पवित्र आत्मा आ। तो मैं आपको बता दूँ, कि आप बहुत ही बड़ी गलतफहमी में जी रहे है आप वो काम कर रहे है जो बिल्कुल ही बाइबल से बाहर हैं।
सच्चाई:- तो आईए, आपको पवित्रआत्मा के आने की सच्चाई से मिलाया जाए। पवित्र आत्मा को बुलाने का मतलब क्या हैं?मैं इसके दो अर्थ लगा सकता हूँ। पहला कि आप पवित्रआत्मा के साथ गुलामों की तरह व्यवहार करते हैं। और दूसरा, की आप पवित्रआत्मा से निवेदन कर रहें हैं।
मैं विश्वास करता हूँ कि आप भी दूसरे वाले मन से ही पवित्रआत्मा को बुलाते होंगे। वैसे ये बिल्कुल ही बाइबल से बाहर की शिक्षा हैं। पर फिर भी आप किस अधिकार से पवित्रआत्मा को बुलाते हैं। और पवित्रआत्मा आपके बुलाने पर ही क्यूँ आएगा? मैं चाहता हूँ कि आप इन बातों पर विचार करें।
अब हम इसको बाइबल से देखेंगे कि क्या पवित्रआत्मा को बुलाना सही हैं? सबसे पहले आपको जानना हैं कि पुराने नियम में पवित्रआत्मा स्थाई मतलब के हमेशा के लिए नहीं आता था। पवित्रआत्मा तभी आता था जब पवित्रआत्मा का काम होता था। इसलिए पुराने नियम में हम देखते हैं कि पवित्रआत्मा सब मनुष्य पर नहीं आता था। बल्कि कुछ ही चुने हुए व्यक्तियों पर आया था और उन में से किसी ने भी पवित्र आत्मा को कभी भी नहीं बुलाया। क्योंकि कोई भी पवित्रआत्मा को अपने चिराग का जिन नहीं बना सकता। गिनती 27:18; 1 शमूएल 16:12-13; 1 शमूएल 10:10
अब मैं आपको नए नियम की तरफ लेकर आता हूँ। शायद आपको पुराने नियम की ज्यादा जानकारी ना हो। तो नए नियम में मैं आपको सबसे पहले आने वाले व्यक्तियों के बारे में उदहारण देकर बताना चाहूंगा। वो है यीशु मसीह और यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला। यूहना बपतिस्मा देने वाले के बारे में लिखा हैं कि वह माँ के पेट से ही पवित्रआत्मा से परिपूर्ण होगा लुका 1:15 । यूहन्ना ने कभी भी पवित्र आत्मा को नहीं बुलाया।
यीशु मसीह के बारे में आप सबको पता ही हैं। जब यीशु मसीह ने पानी में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया तो पवित्रआत्मा कबूतर के समान यीशु मसीह पर उतर। यीशु मसीह ने भी कभी प्रार्थना नहीं की पवित्र आत्मा उन पर आये। मत्ती 3:16।
अब यूहन्ना रचित सुसमाचार में प्रभु यीशु मसीह ने बताया कि पवित्र आत्मा कैसे आएगा। 14:26 में प्रभु ने बताया कि परमेश्वर पवित्रआत्मा को मेरे (यीशु मसीह )के नाम से भेजगा। यीशु मसीह ने कभी ये नहीं कहा कि तुम्हें आत्मा को मांगना पड़ेगा।
गलतफहमी: पवित्र आत्मा, यीशु मसीह या परमेश्वर का तीसरा रूप हैं
हमारे मसीही समाज में बहुत सारे ऐसे समूह है जो इस बात को मानते है कि पवित्रआत्मा परमेश्वर द्वारा निभाया गया तीसरा किरदार हैं। उदहारण के तौर पर कहा जाए तो परमेश्वर पुराने नियम में इस्राइलियों पर प्रगट हुआ। फिर नए नियम में यीशु मसीह के रूप में प्रगट हुआ। और आज के समय में पवित्र आत्मा के रूप में काम रहा हैं। और बहुत सारे मसीही लोग इस तरह का विचार लेकर चल रहे हैं। परंतु पवित्र बाइबल की सच्चाई कुछ और ही हैं।
सच्चाई:- परंतु बाइबल में हमें इस तरह की कोई भी शिक्षा नहीं मिलती हैं। और ना कभी परमेश्वर ने, यीशु मसीह ने और ना ही प्रेरितों ने कभी कुछ ऐसा बताया हैं। त्रिएक परमेश्वर Trinity बाइबल का एक मुख्य सिद्धांत हैं। जो कोई भी इसको नकारता है वो झूठे मसिहियों में से हैं Only Jesus (सिर्फ यीशु मसीह), Jahowah witness (यहोवाह के साक्षी) जैसे समूह बिल्कुल बाइबल के विरुद्ध हैं।
सबसे अच्छा उदहारण हैं यीशु मसीह का बपतिस्मा। यीशु मसीह के बपतिस्मे के समय में आप पिता परमेश्वर को,प्रभु यीशु मसीह को और पवित्र आत्मा को एक साथ देखते हैं। तो ये शिक्षा कि पवित्रआत्मा परमेश्वर का एक रूप है बिल्कुल ही गलत हैं।
गलतफहमी: पवित्र आत्मा एक व्यक्ति नहीं हैं
ये बहुत ही बड़ी गलतफहमी है कि पवित्रआत्मा एक व्यक्ति नहीं हैं। बहुत सारे लोग जब प्रार्थना में होते है तो वो इस बात को कहते हैं उनको एक अजीब-सी ताकत महसूस होती हैं। उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उनको पवित्रआत्मा की मौजूदगी महसूस होती हैं। बल्कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं।
सच्चाई:- बाइबल में ऐसा कुछ नहीं हैं। बाइबल में पवित्रआत्मा को एक व्यक्ति के तौर पर बताया गया हैं। बाइबल बताती है कि पवित्रआत्मा शोकित होता हैं। पवित्रआत्मा दुखी होता हैं। पवित्रआत्मा की अपनी इच्छा हैं। इन बातों को मैं अगले लेख में विस्तार से वर्णन करूंगा। ताकि आप अच्छे से समझ सकें कि पवित्रआत्मा एक ईश्वरीय व्यक्ति हैं। (इफिसियों 4:30; 1 कुरिनथियों 12:11)
निष्कर्ष
मैंने आपको इस लेख में बताया है कि पवित्रआत्मा के बारे में कैसे लोगों ने बहुत सारी गलतफहमी पाल रखी हैं। और उन्होंने उन बातों को कैसे बिना बाइबल के सिद्धांत से संभाल रखा हैं। आपने पढ़ा कि पवित्रआत्मा एक सामर्थ नहीं है बल्कि पवित्रआत्मा की सामर्थ होती हैं। पवित्रआत्मा को बुलाने की जरूरत नहीं हैं। बल्कि परमेश्वर ने खुद पवित्रआत्मा को भेजा हैं। पवित्रआत्मा स्वयं परमेश्वर हैं ना कि परमेश्वर का तीसरा रूप। और पवित्रआत्मा एक ईश्वरीय व्यक्ति है।
आपने कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कॉमेंट में जरूर लिखे। और इस लेख को दूसरे मसीह भाई बहनों को भी शेयर करें। ताकि वे भी पवित्रआत्मा के बारे में अपनी विश्वास को सही कर सकें।