पवित्र आत्मा का कार्य- एक परिचय
बाइबिल को पढ़े समय हम इस बात को जान पाते हैं कि परमेश्वर कार्य करता हैं जिस में हमको पवित्र आत्मा का कार्य, परमेश्वर का कार्य और यीशु मसीह का कार्य के विषय में सीखने को मिलता हैं| हम त्रिएक परमेश्वर के तीनों व्यक्तियों के बारे में जानते हैं कि उनका कोई न कोई कार्य जरूर हैं | उनका कोई न कोई उदेश्य जरूर हैं | तो आज हमारे मुख्य उद्देश्य पवित्र आत्मा के कार्य को जाने के विषय पर हैं।

पवित्र आत्मा का कार्य को समझना बहुत ही जरूरी है | क्योंकि आज अधिकतर मसीही समाज के लोग पवित्र आत्मा के कार्य को सही रीति से नहीं जानते है। जिसके कारण वे बहुत सारी ऐसी शिक्षा के साथ या सिद्धांतों के साथ परमेश्वर की आराधना या परमेश्वर का कार्य करने कि कोशिश करते हैं जो परमेश्वर की नजर में सही नहीं हैं |
ये भी एक मुख्य कारण है कि खुद को मसीही कहलवाने लोगों पवित्र आत्मा के बारे में बहुत सारी गलत धारणाओं को लेकर अपने जीवन को जी रहे हैं | परंतु वास्तव में उन्हें नहीं मालूम को पवित्र आत्मा का कार्य क्या हैं ? तो आज आप इस विषय को बहुत ही अच्छे से समझ जाएंगे| भविष्य में कभी भी आप पवित्र आत्मा के कार्य को लेकर असमंजस में नहीं पड़ेगे| बल्कि आप खुद पहचान कर पाएंगे कि यह वास्तव में सही से सीखा रहा है या नहीं |
पवित्र आत्मा के कार्य को लेकर प्रभु यीशु मसीह ने अपने चेलों को बहुत ही स्पष्ट रीति से समझ दिया था कि पवित्र आत्मा क्या करेगा | आपने बहुत बार उस भाग को पढ़ा भी होगा लेकिन आज आप उसी भाग से पवित्र आत्मा के कार्य के बारे में जानेंगे|
पवित्र आत्मा के कार्य (यूहन्ना 16:4-15)
युहन्ना 16:4-15 में हमको पवित्र आत्मा का कार्य बताया गया हैं।
“आरम्भ में ये बातें मैंने तुम्हें नहीं बतायी थीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था। 5किन्तु अब मैं उसके पास जा रहा हूँ जिसने मुझे भेजा है और तुममें से मुझ से कोई नहीं पूछेगा, ‘तू कहाँ जा रहा है?’ 6क्योंकि मैंने तुम्हें ये बातें बता दी हैं, तुम्हारे हृदय शोक से भर गये हैं। 7 किन्तु मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ इसमें तुम्हारा भला है कि मैं जा रहा हूँ। क्योंकि यदि मैं न जाऊँ तो सहायक तुम्हारे पास नहीं आयेगा। किन्तु यदि मैं चला जाता हूँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।
8“और जब वह आयेगा तो पाप, धार्मिकता और न्याय के विषय में जगत के संदेह दूर करेगा। 9 पाप के विषय में इसलिये कि वे मुझ में विश्वास नहीं रखते, 10 धार्मिकता के विषय में इसलिये कि अब मैं परम पिता के पास जा रहा हूँ। और तुम मुझे अब और अधिक नहीं देखोगे। 11 न्याय के विषय में इसलिये कि इस जगत के शासक को दोषी ठहराया जा चुका है।
12“मुझे अभी तुमसे बहुत सी बातें कहनी हैं किन्तु तुम अभी उन्हें सह नहीं सकते। 13किन्तु जब सत्य का आत्मा आयेगा तो वह तुम्हें पूर्ण सत्य की राह दिखायेगा क्योंकि वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहेगा। वह जो कुछ सुनेगा वही बतायेगा। और जो कुछ होने वाला है उसको प्रकट करेगा। 14 वह मेरी महिमा करेगा क्योंकि जो मेरा है उसे लेकर वह तुम्हें बतायेगा। हर वस्तु जो पिता की है, वह मेरी है। 15इसीलिए मैंने कहा है कि जो कुछ मेरा है वह उसे लेगा और तुम्हें बतायेगा। (यूहन्ना 16:4-15 HERV)
पवित्र आत्मा के कार्य के विषय में आपको कुछ आधारिक बातों को जानने की जरूरत है | क्योंकि पवित्र आत्मा का कार्य हर एक क्षेत्र में अलग अलग है | इनको आप इस तरह से समझ सकते हैं | संसार के प्रति पवित्र आत्मा का कार्य, प्रेरितों के प्रति पवित्र आत्मा का कार्य और विश्वासियों के प्रति पवित्र आत्मा का कार्य | तो इस तरह से आप पवित्र आत्मा के कार्य को समझ पाएंगे | इन बातों को समझने के लिए आपको खुले दिमाग से स्वीकार करने वाला मन चाहिए | हो सकता है कि आप ने पहले से ही कई तरह से विचार मन में लिख रखे हो | तो उन बातों को एक तरफ़ रख कर इन बातों को समझने का प्रयत्न करें |

संसार के प्रति पवित्र आत्मा का कार्य
संसार के प्रति पवित्र आत्मा का कार्य हैं वह संसार को निरुत्तर करना है | इसके बारे में प्रभु यीशु मसीह ने बहुत ही स्पष्ट तौर से बता दिया हैं | सबसे पहले हम देखें के पाप के विषय में | पवित्र आत्मा संसार को पाप के विषय में निरुतर करेगा |
निरुत्तर के अर्थ समझना बहुत जरूरी हैं | निरुत्तर के लिए जो शब्द मूल यूनानी भाषा में इस्तेमाल किया गया है उसका अर्थ हैं उनको दोषी ठहरना या उनके इस बात का बोध करवाना को वे दोषी हैं | यह काम पवित्र आत्मा संसार के प्रति करता हैं | पवित्र आत्मा संसार को इस बात का एहसास दिलाता है कि वे गलत है और उनको एक उद्धारकर्ता की जरूरत हैं |
- पाप के विषय में
पाप के विषय में पवित्र आत्मा संसार को पाप का बोध करवाता हैं | पापों के विषय में नहीं बल्कि एक पाप के विषय में | इस कार्य को कोई भी अपने बल पर या समार्थ के आधार पर नहीं कर सकता | किसी भी प्रचारक का प्रचार या किसी पर उंगली उठा कर किसी को भी पाप का बोध नहीं करवा सकते | यह पवित्र आत्मा का ही कार्य है तो पवित्र आत्मा ही इस कार्य को करेगा |
पवित्र आत्मा किस पाप के विषय में संसार को दोषी ठहराएगा | किस विषय में यीशु मसीह पर विश्वास ने करने के विषय में | इसको आप “अविश्वास” वाला पाप भी कह सकते हैं | ये ही एक ऐसा पाप है जिसके विषय में पवित्र आत्मा संसार को इस विषय में बोध करवाता हैं | ये भी पवित्र आत्मा का कार्य हैं।

इस अविश्वास के बारे में यूहन्ना बहुत ही साफ रीति से बताता हैं कि “यूहन्ना 3:18 जो यीशु मसीह पर विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहर चुका हैं” इस्राइली लोग भी कनान देश में अपने अविश्वास के कारण नहीं पहुँच पाए इब्रानीयों 3:19 |
- धार्मिकता के विषय में
पवित्र आत्मा इस संसार को धार्मिकता के विषय में भी निरुत्तर करता हैं जैसा कि आप अभी तक जान चुके हैं कि पवित्र आत्मा का कार्य संसार के प्रति अलग और एक विश्वासी के प्रति बिल्कुल अलग हैं| ये बातें खुद प्रभु यीशु मसीह ने बताई थी| कि पवित्र आत्मा का संसार के प्रति क्या कार्य हैं|
प्रभु यीशु मसीह कहा कि संसार को धार्मिकता के विषय में क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूँ | यहाँ पर प्रभु यीशु मसीह अपने मृत्यु, कब्र में रखे जाने और मुरदों में से जी उठने के बाद, पिता के पास वापिस जाने के बारे में बताते हैं| प्रभु यीशु मसीह का जी उठना इस बात का प्रमाण हैं कि प्रभ यीशु मसीह परमेश्वर के साथ बिल्कुल सही है | परमेश्वर ने यीशु मसीह के द्वारा दिए छुटकारे के दाम या बलिदान को स्वीकार किया है|
यह उन सब पर एक गवाही के विषय में हैं जो अपने आप को स्वयं धर्मी समझते हैं | यीशु मसीह के इलावा कोई भी परमेश्वर के साथ धर्मी नहीं है | सिर्फ वही जिसने यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया हैं| इसके इलावा कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी तरीके से परमेश्वर के साथ धर्मी नहीं ठरह सकता| प्रभु यीशु मसीह के ऊपर उठाए जाने के बाद आज भी पवित्र आत्मा इस संसार के लोगों को धार्मिकता के विषय में कायल कर रहा हैं|
- न्याय के विषय में
जब भी आप न्याय के विषय में सुनते हैं तो शायद आपके दिमाग में सबसे पहले जो चीज आती होगी वह हैं परमेश्वर सब का न्याय करेगा | जो बहुत ही सही भी है |
इस जगह पर प्रभु यीशु मसीह ने पवित्र आत्मा के कार्य मे न्याय को भी शामिल किया हैं | इस संसार के अंत में जब प्रभु यीशु मसीह आएगा | प्रभ यीशु मसीह हर एक उस व्यक्ति का न्याय करेंगे जो प्रभु यीशु मसीह के विरोध में होगा| क्योंकि उनको पापों कि क्षमा का सुसमाचार सुनाया गया| परंतु उन्होंने परमेश्वर के उस उपहार को जो मानवजाति को मुफ़्त में दिया गया था ठुकरा दिया |
इसके मुताबिक शैतान का भी न्याय होगा | जो इस आज्ञा न मानने वाले संसार पर अधिकार जमा कर बैठा हैं | जिसने इस संसार के न्याय को बिल्कुल ही बिगाड़ के रख दिया हैं |
अब इस आयात को हम संदर्भ की रोशनी में देखते है और समझेंगे को यहाँ पर यीशु मसीह क्या कहना चाहते हैं | संसार का सरदार दोषी ठहराया गया है| शैतान ने यरूशमेल की भीड़ को उकसाया की वह यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ा दे | इस तरह से शैतान ने खुद पर ही न्याय को पक्का कर दिया |
उत्पति 3:15 में परमेश्वर ने एक भविष्यवाणी की थी कि स्त्री का वंश सांप के सिर को कुचेलगा | तो अभी वह समय आ पहुंचा था कि शैतान का सिर कुचला जाए | क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने उस कार्य को सम्पूर्ण कर दिया | और संसार के सरदार का न्याय किया गया |
परंतु आज जो कोई भी उस अनुग्रह के द्वारा जो प्रभु यीशु मसीह में हमको दिया गया है आप ने पापों से मन फिराता हैं | वह परमेश्वर के उस क्रोध से बच कर परमेश्वर के घर में प्रवेश कर जाता हैं | फिर उस पर पाप का दण्डः नहीं रहता (रोमियों 8:1)
इस लेख में हमें पवित्र आत्मा का कार्य को सीखा हैं। युहन्ना का सुसमाचार हमको इस बात के विषय में बताता हैं की पवित्र आत्मा का कार्य किस तो से संसार, प्रेरितों और विश्वासियों के जीवन में करता हैं। मैं उम्मीद करता हूँ इस लेख की मदद से आपको पवित्र आत्मा का कार्य को समझे होंगे।