पवित्र आत्मा से भरना
आज हम जिस विषय पर बात करने वाले हैं। वह विषय आज के मसीह समाज बहुत ही ज्यादा प्रचलित हैं। पवित्र आत्मा से भरना, इस बात को सुन कर ही बहुत सारे लोगों के अंदर कुछ-सा होने लगता हैं। जब आप किसी की गवाही सुनते या पढ़ते हैं तो जब कभी ऐसा लिखा हुआ मिलता हैं कि वह पवित्र आत्मा से भर गया। तब उसने इस तरह का काम किया।

परमेश्वर ने उस व्यक्ति को विशेष तरह से इस्तेमाल किया। पवित्र आत्मा से भरना, इसके बारे अधिकतर मसीही विश्वासी लोगों अलग-अलग तरह के विचारों और अनुभवों को बताते है। जिस वजह से बहुत सारे जो साधारण विश्वासी है वे उलझ जाते हैं। कि आखिरकार पवित्र आत्मा से भरना क्या हैं? क्या मैं पवित्र आत्मा से भर सकता हूँ? पवित्र आत्मा से भरने के लिए कुछ विशेष कार्य करना पड़ेगा।
इस लेख में आप इस सब बातों को सीखेंगे कि पवित्र आत्मा से भरना क्या है? ये कैसे होता हैं? कौन व्यक्ति पवित्र आत्मा से भर सकता हैं? बाइबल इसके बारे में की क्या सिखाती हैं? परंतु हमारा मुख्य बिन्दु परमेश्वर के वचन को पहला स्थान देना हैं। जब आप इसके बारे में सीखते हैं तो ये किसी के अनुभव पर निर्भर नहीं हैं? कि उसने तो ऐसा महसूस किया है उसको तो इस तरह की भावना आई थी। इस तरह की बे-तुक की बातें से हमको कुछ भी लेना देना नहीं हैं।
तो आइए सबसे पहले हम बाइबिल से उस आयत को पढ़ेंगे जहाँ पर इस बात का जिक्र किया गया हैं। इफिसियों की पत्री 5:18 में पौलुस ने इस बात को बताया हैं दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। पवित्र आत्मा से भरना पवित्र आत्मा के कार्य में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य हैं। परंतु ज्यादातर लोगों ने इसका बहुत ही गलत अर्थ लगा रखा हैं। वे वास्तव में समझ नहीं पाते कि वे पवित्र आत्मा से भरे हैं या नहीं। अभी हम बाइबिल से समझेंगे की बाइबिल इसके विषय में क्या शिक्षा हैं।
पवित्र आत्मा से भरना के विषय में बाइबल क्या सिखाती हैं
इस लेख को मैं ज्यादा लंबा नहीं करना चाहता। इसलिये हम सिर्फ महत्वपूर्ण बातों को ही देखेंगे। ताकि आप फिर कभी भी पवित्र आत्मा से भरना क्या हैं इस बात को लेकर ना उलझे और ना ही बेकार की बातों पर मन लगाएँ। बाइबल में पवित्र आत्मा से भरने वाले बहुत सारे लोग हैं। हम उन सब के बारे में तो नहीं देख सकते, लेकिन पवित्र आत्मा ने उनको कैसे उपयोग किया, इस बात को हम देखेंगे। जैसा जे. आई. पैकर की पुस्तक में हैं।
पवित्र आत्मा से भरना दो तरह से है दो भागों में आपको बाइबल में मिलेगा यीशु मसीह की उठाए जाने से पहले और बाद। एक बात जो आपको अच्छे से जाननी चाहिए वो ये हैं पुराने नियम में पवित्र आत्मा स्थाई तौर पर नहीं था। पवित्र आत्मा तभी आता था जब परमेश्वर का कोई मुख्य कार्य करना होता था। जब काम पूरा हो जाता था तब पवित्र आत्मा छोड़ कर चला जाता था।
लेकिन नए नियम में ऐसा नहीं हैं। नए नियम में पवित्र आत्मा स्थाई तौर पर हैं। अब पवित्र आत्मा विश्वासी के साथ और विश्वासी में रहता है उसको छोड़ कर नहीं जाता हैं। तो ये एक सबसे बड़ा फर्क पवित्र आत्मा को विषय में नए और पुराने नियम में हमें मिलता हैं।
यीशु मसीह के उठाए जाने तक
अब हम कुछ उदाहरणों को देखेंगे जो हमारी ये समझने में सहायता करेंगे। कि पुराने नियम में पवित्र आत्मा किस तरह से भरता था।उसके क्या नतीजे थे। उसके बाद से हम नए नियम पर और अपनी आयत पर अध्ययन करेंगे।
यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के विषय में ये लिखा है कि वह अपनी माँ के पेट से ही पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था लुका 1:15। यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के विषय में ये बात महत्वपूर्ण थी कि उसको प्रभु यीशु मसीह के लिए मार्ग तैयार करना था मलाकी 4:5-6 । जिसके लिए परमेश्वर ने यूहन्ना को पवित्र आत्मा से परिपूर्ण किया था। फिर निर्गमन 31:2-3 में हम ऐसा व्यक्ति मिलता हैं
जो पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था। परमेश्वर ने उस को आत्मा से भरा था। उस नाम बसलेल था। उसका काम था कि वह मिलापवाले तंबू के लिए कारीगरी का काम कर सके। परमेश्वर ने उसको वह सारी बुद्धि दी थी जिस से वह यह सब काम कर सकता था।
अब हम बाइबल के उस व्यक्ति की बात करेंगे जिसका नाम यीशु मसीह के नाम जैसा हैं व्यवस्थाविवरण 34:9 में परमेश्वर ने यहोशु को पवित्र आत्मा से परिपूर्ण किया था। ताकि वह इस्राइल के लोगों को कनान देश में पहुँचने के लिए उनको अगुवाई करें।
आप ने यहाँ पर तीन उदाहरणों को देखा है तीनों में ही परमेश्वर ने उनको पवित्र आत्मा से परिपूर्ण किया था। लेकिन पवित्र आत्मा उन लोगों को परमेश्वर के खास काम के लिए परिपूर्ण किया था। उनका काम वही था। यदि आप थोड़ा सा अवलोकन करेंगे तो आप पाएंगे कि उनको दिये काम पवित्र आत्मा के वरदान के जैसे ही हैं जिनको हमें पिछले लेख में देखा था।
यीशु मसीह के उठाए जाने के बाद
अब हम इस बात को देखेंगे कि नए नियम में जब पौलुस कहता है कि पवित्र आत्मा से भरते होते जाओ। इस बात को हम विस्तार से देखेंगे। क्योंकि नए नियम में ही हमको पवित्र आत्मा के भरने और पवित्र आत्मा के विषय में सबसे ज्यादा शिक्षा मिलती हैं।
पवित्र आत्मा से भरने के विषय में गलत शिक्षाएँ
पवित्र आत्मा से भरने के विषय में बहुत सारी गलत शिक्षा फैली हुई हैं। तो सबसे पहले हम उन शिक्षाओं को समझ लेंगे ताकि बाद में सही शिक्षा पर अच्छे से ध्यान दे सकें।
पवित्र आत्मा से भरना खुद को खाली करना नहीं हैं
पहली, ये आयात ऐसी मसिहियों के लिए नहीं है जो खाली है उनको किसी वस्तु से भरने की जरूरत हैं। क्योंकि हर एक विश्वासी जो यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करता हैं उसके अंदर पवित्र आत्मा हैं। काफी विश्वासी भाई बहन इस धारणा में हैं कि उनको कुछ ऊपर से मिलेगा।

तब वो पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएंगे। जबकि बाइबल में कोई भी ऐसी शिक्षा नहीं हैं। क्योंकि पवित्र आत्मा अब हमेशा एक विश्वासी के साथ रहता है और छुटकारे के दिन तक साथ रहेगा इफिसियों 4:30. और जिसके पास परमेश्वर का आत्मा नहीं है वह व्यक्ति परमेश्वर का जन नहीं हैं रोमियों 8:9-10
पवित्र आत्मा से भरना, पवित्र आत्मा के बपतिस्मा नहीं हैं
ये भी बहुत ही प्रचलित शिक्षा है कि जब आपका पवित्र आत्मा के साथ बपतिस्मा होता है तब आप पवित्र आत्मा से भरना/भरते जाते हैं। जबकि बाइबल की कोई भी आयत ऐसी नहीं जो इस तरह की शिक्षा देती हो। पवित्र आत्मा के बपतिसमें पर एक पूरी शिक्षा है जिसको हर विश्वासी को सीखना चाहिए। आने वाले दिनों में हम उस पर भी अध्ययन करेंगे।
जब आपका उद्धार होता हैं जिस समय आप यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण करते हैं उसी समय आप पवित्र आत्मा के बपतिसमे में जुड़ जाते हैं। ये कोई अगर तरह से होने वाला अनुभव नहीं हैं। तो 1 कुरंथियों 12:13
पवित्र आत्मा से भरना, अन्य भाषा बोलना नहीं हैं
इस शिक्षा ने पूरे संसार को ग्रसित कर रखा हैं। ज्यादातर मसीही इसी बात को सोचते हैं कि जब वो अन्य अन्य भाषा बोलते है तो उस समय वे पवित्र आत्मा से भरे हुये होते है। ये भी गलत शिक्षा हैं। प्रभु ने चाहा तो इस पर भी अच्छे से अध्ययन करेंगे। लेकिन ये बात आप हमेशा याद रखना कि पवित्र आत्मा से भरना अन्य अन्य भाषा बोलना नहीं हैं।
आत्मा से भरना क्या हैं?
अब तक आपका मन और दिमाग शायद इस बात को सीखने के लिए तैयार हो चुके हैं। अब आगे आप सीखेंगे कि पौलुस क्या कहना चाहता है जब वह पवित्र आत्मा से भरना की बात करता हैं।
पवित्र आत्मा से भरना एक आज्ञा हैं
पवित्र आत्मा से भरना के विषय में हमें इफिसियों 5:18 में मिलती हैं। इस आयात में जो क्रिया का उपयोग किया गया है वो एक आज्ञा हैं। जब आप यूनानी भाषा के पढ़ेंगे , आप इस बात को साफ रीति से देख पाएंगे। एक बात आपको ध्यान में रखनी है वो ये हैं कि पवित्र आत्मा से भरना कोई सुझाव नहीं है
बल्कि ये परमेश्वर की पौलूस के द्वारा दी गई एक आज्ञा हैं। हर एक विश्वासी को इस बात को बहुत ही गंभीर तौर पर लेनी चाहिए। क्योंकि बिना आत्मा की परिपूर्णता से कोई भी विश्वासी एक आत्मिक जीवन को नहीं जी सकता।
पवित्र आत्मा से भरने या परिपूर्ण होने का अर्थ क्या हैं?
जेबी आपक में भरने या परिपूर्ण शब्द आता हैं तो हमेशा ही आपके मन में आता होगा कि जैसे कोई गिलास या बाल्टी या जग को पानी से भरते है। वैसे ही पवित्र आत्मा से भरने का अर्थ हैं। कि पवित्र आत्मा हमें बाहर से भरता या परिपूर्ण करता हैं। आप ने ऐसे बहुत सारे उदाहरण भी सुने होंगे।
लेकिन ये सारे उदाहरण पौलुस के उस अर्थ को नहीं बता पाते जो वास्तव में पौलुस अपने पढ़ने वालो को बताना चाहता था। ये अंतर हमारी भाषा की वजह से हैं। क्योंकि पौलुस ने यूनानी भाषा का में इस बात को लिखा हैं और हमारा अनुवाद हिन्दी भाषा में हैं
यूनानी भाषा में जो शब्द परिपूर्ण या भरने होने के लिए उपयोग किया गया हैं वो है पलेरू (pleroo)। ये शब्द तीन तरह के विचारों को बताता हैं। इसके तीन अर्थ निकलते हैं जो तीन तरह से पवित्र आत्मा से भरने को हमें समझने के लिए सहायता करेगा।
पहला, अर्थ जो ये शब्द देता है वो है दबाब, इसको इस तरह से बताया जा सकता है जैसे पुराने समय में समुद्री जहाजों को हवा के दबाब से चलाया जाता था। जैसे हवा का दबाब पाल पर (जहाज पर बनी कपड़े की बड़ी सी चद्दर) पड़ता है वह आगे समुद्री जहाज को आगे धकेलती है उसी तरह से आत्मिक तौर पर एक विश्वासी भी पवित्र आत्मा के द्वारा आगे बढ़ाया जाता हैं।

पवित्र आत्मा से भरना/ परिपूर्ण व्यक्ति कभी भी अपनी इच्छा और मन के मुताबिक नहीं चलेगा वह हमेशा पवित्र आत्मा के इच्छा के अनुसार ही चलेगा। पवित्र आत्मा उसको हमेशा सही दिशा में ही लेकर जाएगा
दूसरा, इसका अर्थ जो मिलता है उसको हिन्दी शब्द में लिखना मुश्किल है लेकिन एक उदाहरण के द्वारा आप इसको समझ पाएंगे। जैसे डिस्परिन (सिर दर्द) की गोली पानी में अच्छे से घुल जाती हैं। उसके बाद जब आप पानी को पीते हैं तो उसका स्वाद उस में आता है। ठीक इसी तरह से परमेश्वर चाहता है कि पवित्र आत्मा का स्वाद हमारे जीवन से दूसरों तक पहुंचे ताकि वे जान सकें कि परमेश्वर का आत्मा हम में वास करता हैं।
तीसरा, जो कि मसीह समाज में सबसे ज्यादा प्रचलित भी हैं। जिसका अर्थ है नियंत्रण करना। नए नियम में लुका द्वारा इस शब्द को उपयोग किया गया हैं। जब लोग आपने भावना के द्वारा नियंत्रण किये गए। उनके मन के भाव उन पर हावी हो गए लुका 5:26; 6:16।
एक विश्वासी के जीवन में भी कई बार ऐसा समय आता है जब वह आपनी भावना पर काबू नहीं कर पाता। किसी प्रियजन की मौत के समय में, या शादी के समय में, उस समय में हम में बहुत सारे अपने विचारों के अधीन हो जाते हैं और ऐसे कदम उठा लेते है जो पूरी तरह से मूर्खता वाले, समय की बर्बादी, दुख देने वाले होते हैं। लेकिन एक विश्वासी पवित्र आत्मा से भरा हुआ होता है तो उसके सारे विचार और फैसले पवित्र आत्मा के द्वारा किया जाता है उसके सारी भावना पर पवित्र आत्मा का काबू रहता हैं।
मैं आशा करता हूँ कि आपको समझ में आ रहा है कि पवित्र आत्मा से भरना या परिपूर्ण होना क्या हैं। अभी जो तीन बातें आप ने पढ़ी है वो पवित्र आत्मा के भरने के विषय में तीन बाते बताती है दबाब, रसना, नियंत्रण करना
जब पौलुस पवित्र आत्मा से भरना की बात कहता है ठीक ऐसा ही कुछ पौलुस कुलुस्सियों की पत्री में भी बताता हैं। जो कि लगभग एक समान ही हैं
इफिसियों 5:18-20
18 दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ, 19 और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने–अपने मन में प्रभु के सामने गाते और कीर्तन करते रहो। 20 और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो।*
कुलुस्सियों 3:16
16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो, और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
यदि आप इन दोनों को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको मिलेगा को आत्मा से भरने और वचन से भरने के जो नतीजे है वो सारे एक सामन ही हैं। तो परमेश्वर के वचन से भी हमें ये सीखने को मिलता है कि पवित्र आत्मा से भरने का अर्थ है मसीह के वचन से परिपूर्ण होना। उसके वचन की आज्ञाकारित में रहना। इसके इलावा कुछ भी नहीं हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में, “पवित्र आत्मा से भरना” के विषय में मुख्य बातें स्पष्ट की गई हैं। बाइबल में पवित्र आत्मा से भरने का अर्थ किसी विशेष कार्य के लिए परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यक्ति को प्रेरित करना और उसमें स्थायी रूप से निवास करना है, खासकर नए नियम में। गलत धारणाओं का खंडन करते हुए, यह लेख हमें बताता है
कि पवित्र आत्मा से भरना एक आज्ञा है, और इसका अर्थ है पूरी तरह से परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना, उसके वचन के अनुरूप होना, और आत्मा की परिपूर्णता में जीवन जीना। इस प्रकार, हर विश्वासी को अपने जीवन में पवित्र आत्मा की उपस्थिति को समझना चाहिए और इसे अपने जीवन का मार्गदर्शक बनाना चाहिए।