Kya pavitra aatma parmeshwar hain? -03 क्या पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं 03/ Is the Holy spirit God- Hindi

पवित्र आत्मा परमेश्वर है।

Pavitr aatma parmeshwar hain

पवित्र आत्मा परमेश्वर है। पवित्र आत्मा को लेकर मैंने पहले लेख पवित्र आत्मा क्या हैं में बहुत ही स्पष्ट कर दिया था कि पवित्र आत्मा किसी प्रकार की सामर्थ नहीं हैं।और मेरे दूसरे  लेख पवित्र आत्मा कौन है में मैंने इस बात को आपको बताया था कि पवित्र आत्मा एक व्यक्ति हैं। आज इस लेख में आप पवित्र आत्मा परमेश्वर है इस बात को  सीखेंगे। 

पवित्र आत्मा के विषय में बहुत सारे लोगों ने ज्यादातर बहुत ही गलत धारणा बना रखी हैं। जिंसमें कुछ  को आप पहले लेख में पढ़ चूकें हैं। लेकिन उसके बाद भी बहुत सारे इस बात को नहीं मानते कि पवित्र आत्मा परमेश्वर है बलिक वो इसी बात को पकड़े है या समझते है कि पवित्र आत्मा एक प्रकार से परमेश्वर के नीचे काम करने वाला सामर्थ या व्यक्ति है। वो परमेश्वर नहीं हैं और ना ही हो सकता हैं। लेकिन बाइबल में इस तरह की कोई भी शिक्षा नहीं हैं। बल्कि वह इस बात को सिखाती है कि पवित्र आत्मा परमेश्वर है।

चौथी शताब्दी में आरीउस ने ये शिक्षा फैलाई थी कि पवित्र आत्मा परमेश्वर के द्वारा रचा हुआ पहला पुत्र हैं। वो इस बात को मानते थे कि पवित्र आत्मा की सृष्टि की गई थी। और वह कोई इंसान नहीं हैं बल्कि सिर्फ एक शक्ति हैं। ये आज से शुरू नहीं हुई बल्कि जब से मसीही कलीसिया की शुरुआत हुई है तब से ऐसा चला आ रहा हैं।

पवित्र आत्मा एक व्यक्ति है ये इस बात को साबित नहीं करता कि पवित्र आत्मा एक ईश्वरीय व्यक्ति है।परंतु पवित्र आत्मा का परमेश्वर होना इस बात का प्रमाण है कि वह एक व्यक्ति हैं। - चार्ल्स  सी. रायरी

पवित्र आत्मा के गुण

Kya pavitra aatma parmeshwar hain? -03 क्या पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं 03/ Is the Holy spirit God- Hindi पवित्र आत्मा परमेश्वर

पवित्र आत्मा परमेश्वर है। इस बात को साबित करने के लिए मैं कुछ बातों को आपके सामने लाना चाहूँगा। आप परमेश्वर के गुण (अगर नहीं तो यहाँ टच करके पढ़ सकते हैं) के बार में पढ़ चुके हैं पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं इस बात का प्रमाण परमेश्वर के गुण से पता चल सकता है। इंसानों में इंसानों जैसे गुण हैं अगर पवित्र आत्मा परमेश्वर है तो पवित्र आत्मा के पास भी वैसे ही गुण होने चाहिए।

पवित्र आत्मा सर्वज्ञानी हैं।

इस बात को तो सब जानते है कि परमेश्वर सर्वज्ञानी है लेकिन बाइबल हमको बताती है कि पवित्र आत्मा भी सर्वज्ञानी हैं।1 कुरिन्थियों 2:11-12 में पौलुस बताता है कि पवित्र आत्मा परमेश्वर की बातें भी जानता हैं। यानि के जो कुछ परमेश्वर को मालूम है वह सब पवित्र आत्मा को भी मालूम है। पवित्र आत्मा आपके मन की बातें, भूत काल  की बातें, भविष्य में होने वाली बात सब कुछ पवित्र आत्मा जानता हैं। कुछ भी आत्मा के ज्ञान से बाहर नहीं हैं।

पवित्र आत्मा सर्वव्यापी हैं।

पवित्र आत्मा भी परमेश्वर के समान सर्वव्यापी है। जैसे परमेश्वर सब जगह पर मौजूद है वैसे ही पवित्र आत्मा भी सब जगह  पर मौजूद हैं। भजन 139:7 मैं तेरे आत्मा से भागकर किधर जाऊँ? भजन का लिखने वाला दाऊद इस बात को कहता है कि वो परमेश्वर की आत्मा से भाग कर कहीं भी नहीं जा सकता। क्योंकि वह सब जगह पर हैं। आगे की आयतों  में दाऊद पवित्र आत्मा को परमेश्वर का दर्जा देता हैं।

यानि दाऊद भी इस बात को जानता था कि पवित्र आत्मा सर्वव्यापी है। यूहन्ना 14:27 यीशु मसीह ने भी कहा कि पवित्र आत्मा सब विश्वासियों में वास करेगा। आज के समय में पवित्र आत्मा हर एक विश्वासी में एक ही समय में मौजूद है। पवित्र आत्मा सर्वव्यापी हैं।

पवित्र आत्मा सर्वशक्तिमान हैं।

परमेश्वर का वचन पवित्र आत्मा के बारे में बताता है कि वह सर्वशक्तिमान हैं। अय्यूब  33:4 मुझे परमेश्‍वर के आत्मा ने बनाया है। अय्यूब बताता है कि परमेश्वर के आत्मा ने मुझे बनाया हैं। परमेश्वर के आत्मा मतलब पवित्र आत्मा के पास रचना की शक्ति हैं। जिसका अर्थ यह हुआ कि पवित्र आत्मा भी परमेश्वर के सामन सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं।

पवित्र आत्मा अनंत है।

आप जानते है कि परमेश्वर अनंत हैं। परमेश्वर की ना कोई शुरुआत है और ना ही कोई अनंत हैं। इब्रानियों 9:14 में पवित्र आत्मा को अनंत (eternal) आत्मा करके कहा  गया हैं। और  फिर आप देख सकते हैं कि सृष्टि की रचना के  समय में पवित्र आत्मा गहरे  जल के ऊपर मंडराता थ। और तब तक इस दुनिया की रचना तक भी नहीं  हुई थी।

पवित्र आत्मा सच है।

परमेश्वर सच है, परमेश्वर झूठ को कबूल नहीं करता। ठीक ऐसी ही घटना हमको परमेश्वर के पवित्र वचन में देखने  को मिलती हैं। प्रेरितों के काम 5 अध्यय में एक घटना हैं हनन्याह और सफीरा के बारे में, इन्होंने अपनी जमीन बेच कर उसका पैसा प्रेरित पतरस के पास ला कर रख दिया। जब पतरस ने उनको पूछा कि क्या इतने में ही बिकी थी। उन्होंने ने कहा कि हाँ। लेकिन वो सच नहीं बोल रहे थे। ऐसा नहीं है कि प्रेरितों को उनकी जमीन के पैसे चाहिए थे।

बल्कि उन्होंने जो परमेश्वर के लिए ठाना था उसको पूरा ना किया। “3 पतरस ने कहा, “हे हनन्याह! शैतान ने तेरे मन में यह बात क्यों डाली कि तू पवित्र आत्मा से झूठ बोले, और भूमि के दाम में से कुछ रख छोड़े? 4 जब तक वह तेरे पास रही, क्या तेरी न थी? और जब बिक गई तो क्या तेरे वश में न थी? तू ने यह बात अपने मन में क्यों विचारी? तू ने मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्‍वर से झूठ बोला है।” पतरस ने उनको बोला कि तुम ने पवित्र आत्मा से झूठ क्यों बोला ? और बाद में पतरस कहता है कि तुमने मनुष्य से नहीं बल्कि परमेश्वर से झूठ बोला हैं।

पवित्र आत्मा से झूठ बोलना परमेश्वर से झूठ बोलने के बराबर हैं। तो हमें ये सीखने को मिलता है कि परमेश्वर का आत्मा सच का आत्मा हैं। 1 यहूना 5:7 में यहूना प्रेरित बताता है कि पवित्र आत्मा सच का आत्मा हैं और पवित्र आत्मा की गवाही सच्ची हैं।

पवित्र आत्मा जीवन देता हैं।

पवित्र आत्मा जीवन देने वाला आत्मा हैं  यहूना 6:63 में प्रभु यीशु मसीह ने बताया कि पवित्र आत्मा जीवन देने वाला आता है। जैसा हमने ऊपर देखा था कि पवित्र आत्मा के पास जीवन रचने की सामर्थ हैं। रोमियों 8:2 में पौलुस भी  कहता है पवित्र आत्मा जीवन  का आत्मा है। जैसे परमेश्वर के पास जीवन है वैसे ही पवित्र आत्मा के पास जीवन हैं।

कार्य, जो पवित्र आत्मा के परमेश्वर होने का प्रमाण है।

अब मैं आपको पवित्र आत्मा के उन कार्यों के बारें में बताऊँगा जो सिर्फ परमेश्वर के द्वारा ही किये जा सकते हैं उन से इस बात का प्रमाण होगा कि पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं।

सृष्टि की रचना का कार्य

आप सभी जानते है कि परमेश्वर ने सृष्टि की रचना हैं। सब कुछ परमेश्वर ने बनाया हैं लेकिन परमेश्वर के सृष्टि बनाने में पवित्र आत्मा भी परमेश्वर के साथ था। उत्पति 1:2 में आत्मा गहरे जल के ऊपर मंडराता था। यहाँ पर आत्मा जो  है वो पवित्र आत्मा  हैं अययूब 27:3; भजन 33:6;104:30। इसी बात की और संकेत  करते हैं  कि  सृष्टि की रचना के समय में पवित्र आत्मा परमेश्वर के साथ था।

वचन की प्रेरणा का कार्य

पवित्र आत्मा परमेश्वर

परमेश्वर का वचन सच है और पवित्र हैं। और ऐसा काम सिर्फ परमेश्वर ही कर सकता हैं। क्योंकि परमेश्वर का वचन में कोई भी मिलावट नहीं हैं। कोई भी त्रुटि नहीं हैं। सब कुछ पवित्र हैं। एक इंसान परमेश्वर के वचन को इस तरह से नहीं लिख सकता। 

2 तीमुथियुस 3:16 और 2 पतरस 1:21 में परमेश्वर का वचन हमको बताता है  सम्पूर्ण  पवित्र  शास्त्र पवित्र आत्मा की प्रेरणा के द्वारा लिखा गया हैं पवित्र आत्मा ही था जिसने  मनुष्य को सही शब्द का चुनाव  और कितनी खूबसूरती से उनका उल्लेख किया है इसके बारे में जब हम बाइबल के विषय में अध्ययन करेंगे तब देखनेगे। परमेश्वर के वचन की प्रेरणा में पवित्र आत्मा परमेश्वर के साथ है।

निष्कर्ष

आज आपने सीखा की पवित्र आत्मा परमेश्वर है। पवित्र आत्मा के पास भी वही गुण है जो परमेश्वर के पास है। और बाइबल हमें पवित्र आत्मा के उन कार्यों के बारे में बताती है जो सिर्फ परमेश्वर ही कर सकता हैं। इन सब बातों से ये बात साबित होता है कि पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं।

तो आज अवसर है कि आप भी परमेश्वर के आत्मा को अपने जीवन में काम करने दे। अपने पापों को परमेश्वर के पुत्र के सामने अंगीकार करे और यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करे। विश्वास करें कि यीशु मसीह का बलिदान के द्वारा ही आप अपने सारे पापों से क्षमाप्राप्त कर सकते हैं।

इस बात पर विश्वास करे कि यीशु मसीह मेरे ही पापों के लिए क्रूस पर कुर्बान हुया और कब्र में रखा गया। और परमेश्वर ने उसे मुरदों में से तीसरे दिन जीवित किया। ये ही परमेश्वर  का  प्रेम  हैं जो आपको परमेश्वर के पास  ले आता हैं

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