पवित्र आत्मा का फल विश्वास-परिचय
हम पवित्र आत्मा का फल अध्ययन करते आ रहे हैं आप ने अभी तक पवित्र आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, दया, भलाई के बारे में सीख चुके हैं। इस लेख में आप पवित्र आत्मा का फल विश्वास के बारे में सीखेंगे। जैसे कि हमने पिछले लेखों की शुरुआत की थी ठीक इसी तरह से पवित्र आत्मा का फल विश्वास के बारे में सीखेंगे।

यहां पर विश्वास शब्द का इस्तेमाल किया गया। लेकिन इंग्लिश की दूसरी बाइबल में विश्वासयोग्यता का इस्तेमाल किया गया।
पवित्र आत्मा का फल विश्वास :अर्थ
विश्वास या विश्वासयोग्य होना क्या है? मैं आशा करता हूँ की आपको इस विषय के बारे में ज्ञान होगा। पवित्र आत्मा का फल विश्वास का अर्थ है, इमानदार, भरोसेमंद, वफादार होना । अगर आप पवित्र आत्मा की अगुवाई में चलते हैं; तो आप इस विश्वासयोग्यता को प्रकट करेंगे ।
दूसरे शब्दों में, अगर आप वास्तव में पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हैं। तो आप अपने बातचीत में,अपने विश्वास में, अपने जीवन को जीने में सच्चे होंगे। आप सच बोलेंगे और सच से प्रेम करेंगे। “सच” में जीएंगे। यह है पवित्र आत्मा का फल विश्वास।
अगर आप में पवित्र आत्मा का फल विश्वास है। तो बाइबल जो सिखाती है आप उस पर दृढ़ता के साथ लगातार विश्वास में बने रहेंगे। बाइबल की उस शिक्षा पर अमल भी करेंगे। उन सच्चाइयों अनुसार आप अपने जीवन को परमेश्वर के अस्तित्व और परमेश्वर के कामों और परमेश्वर की विश्वासयोगता की सच्चाई को जानते हुए बिताएंगे। यह विश्वास पवित्र आत्मा के द्वारा हमें दिया गया है । इसलिए जो सच में प्रभु पर विश्वास करते हैं वह परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास करते हैं।
रोमियो 3:3 यहां पर प्रेरित पौलुस परमेश्वर की विश्वास योगता के बारे में बताता है। कि परमेश्वर ने अपने वचन यहूदियों को दिए । परंतु उन्होंने परमेश्वर के वचन को ना माना । तो इस कारण से परमेश्वर अविश्वासयोग्य नहीं हुआ। क्योंकि परमेश्वर सच है परमेश्वर का विश्वास योग्य होना परमेश्वर का एक गुण है।
विलापगीत 3:22-23 परमेश्वर की सच्चाई महान है; परमेश्वर की विश्वासयोग्यता महान है। हम मरे नहीं यह परमेश्वर की महाकरुणा का फल है। परमेश्वर वास्तव में अपने वचनों के प्रति विश्वासयोग्य है। 1 कुरिंथियो 1:9 परमेश्वर विश्वासयोग्य है और वह अपने वायदों को पूरा करता है। परमेश्वर ने जो वायदे पुराने नियम में किए हैं। उसे अपने पुत्र के द्वारा उसने पूरा किया है।

परमेश्वर ने अपने पुत्र को इस जगत में हमारे लिए भेजा। जो कलवरी के क्रूस पर कुर्बान हुआ। जिसने अपने लहू की एक बूंद को आपके छुटकारे के लिए बहा दिया। हमें अपने पुत्र के द्वारा अपनी संगति या परमेश्वर ने अपने परिवार में शामिल किया है। यह परमेश्वर की विश्वासयोग्यता है। वह हमें देखकर विश्वासयोग्य नहीं बनता; परंतु विश्वासयोग्य होना परमेश्वर का गुण है ।
भजनसंहिता 36:5 परमेश्वर की सच्चाई आकाश मंडल तक पहुंची है। यहां पर परमेश्वर के विश्वासयोग्यता के बारे में बताया गया है। परमेश्वर की विश्वास योग्यता और सच्चाई अटल है।भजन संहिता 89:33 यहां पर परमेश्वर खुद अपने बारे में कहता है । कि मैं अपनी सच्चाई का त्याग करके झूठा ना ठहरूंगा। परमेश्वर खुद का इंकार नहीं कर सकता। यही बात हम नए नियम में पाते हैं 2 तीमुथियुस 2:13।
इस तरह से बाइबल में इस तरह से हमें परमेश्वर की विश्वासयोग्य होने के बारे में बताती है। ये प्रमाण देती है कि परमेश्वर की विश्वासयोग्यता अटल है। यह परमेश्वर का एक विशेष गुण है। यह गुण हर एक पवित्र आत्मा से परिपूर्ण व्यक्ति के बीच होना चाहिए।
जो व्यक्ति खुद को परमेश्वर का जन कहता है और उसकी सच्चाई पर नहीं चलता, उसकी सच्चाई में बना नहीं रहता है ,और अपने बातों पर स्थिर नहीं है अपने वायदों को लेकर स्थिर नहीं है, वह सच में विश्वासी नहीं है। जो हर बात में परमेश्वर के वचनों के साथ समझौता करते हैं या किसी व्यक्ति को खुश करने के लिए परमेश्वर के वचन को टाल देते हैं । परमेश्वर के वचन की सच्चाई को मनुष्य की बातों के नीचे रखते हैं वे परमेश्वर के जन हो ही नहीं सकते ।
अभी आपने परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के बारे में कुछ बातें को सीखा हैं। जिससे आप पवित्र आत्मा का फल विश्वास को समझने के लिए जरूरी है। इसके साथ साथ अभी कुछ उदाहरण देखेंगे। इब्रानियों 11 अध्याय हमें विश्वासयोग्य व्यक्तियों की लंबी सूची देता है। कि पुराने नियम के वह लोग जिन्होंने परमेश्वर के वायदों पर भरोसा किया। परमेश्वर ने अपने वचनों को पूरा करेगा, जिसके कारण उन्हें कई मुसीबतों का सामना किया था। यह वह विश्वास योग्यता जिसकी परमेश्वर हमसे माँग करता है । उन्होंने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया।
नूह के बारे में आप जानते ही की उसने परमेश्वर के किए हुए के अनुसार विश्वास योग्यता के अनुसार के साथ उस जहाज को बनाने के काम को पूरा किया। क्योंकि उस की विश्वासयोग्यता इस पर थी कि परमेश्वर का न्याय आने वाला है और उसका परिवार बचाया जाएगा उत्पति 6-9।
पवित्र आत्मा का फल विश्वास के लिए एक और उदाहरण को हम देखेंगे। रहाब ने उन भेद लेने वालों की बातों पर विश्वास किया। अपने घर की खिड़की में से उस लाल डोरे को लटका दिया, जो उसकी परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्यता का प्रमाण देता है। उस ने परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर विश्वास किया था, परमेश्वर ने अपनी विश्वासयोग्यता को वहां पर प्रगट किया यहोशू 6।
जैसा मैंने कहा कि विश्वासयोग्यता परमेश्वर का गुण है। इस बात को आप यीशु मसीह के जीवन में भी देख सकते हैं । सबसे प्रचलित आयत यूहन्ना 14:6 यहां यीशु मसीह ने कहा कि मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूं। यीशु मसीह ही सत्य है। हर बात में यीशु मसीह सच्चा है। जो बातें यीशु मसीह ने कही है जो वायदे प्रभु यीशु मसीह ने किए है वह इन सब को पूरा करेगा। क्योंकि वह विश्वासयोग्य प्रभु है।
2 थिस्सलुनीकियों 3:3 प्रभु विश्वासयोग्य है। हम अपनी बातों पर टिके नहीं रह सकते। परंतु परमेश्वर हमेशा अपनी बात पर बना रहता है। प्रभु यीशु मसीह हर एक उस बात को जो उन्होंने कही है पूरा करेंगे। प्रभु यीशु मसीह ने कहा कि वे शीघ्र दुबारा आएंगे तो वह आएंगे।
आप ने अभी तक सीखा की बाइबिल परमेश्वर की विश्वासयोग्यता, यीशु मसीह की विश्वास योग्यता, और हमारी परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्यता के बारे में क्या सिखाते हैं। परमेश्वर अपनी बातों के प्रति विश्वासयोग्य है। यीशु मसीह भी अपनी बातों के प्रति विश्वास योग्य हैं और सच्चाई परमेशवर का वचन सिखाता हैं उन पर अमल करना और उन बातों को पकड़े रहना यह हमारी विश्वासयोग्यता होता है।
पवित्र आत्मा का फल विश्वास:आज्ञा
1 कुरिंथियों 4:2 परमेश्वर के दासों या भंडारी को विश्वासयोग्यता वाला गुण होना चाहिए। परमेश्वर के जन को विश्वासयोग्य होना बहुत जरूरी है। हम सभी परमेश्वर के सुसमाचार के भंडारी हैं। परमेश्वर की सच्चाई के हम भंडारी हैं। तो हम में यह बात पाई जानी चाहिए। कि हम परमेश्वर के उन सब बातों में विश्वास योग्य ठहरे। बाइबल की सच्ची सिक्षा के को पकड़े रहें।
तीतुस 2:10 यहां पर प्रेरित पौलुस सामाजिक क्षेत्र में विश्वासयोग्य रहने के बारे में कहता है। क्योंकि ऐसा करना परमेश्वर को महिमा देने के बराबर है। जिनको परमेश्वर ने आपके और मेरे ऊपर ठहराया है या जो काम परमेश्वर ने आपको और मुझे दिया है। उसके प्रति हमें विश्वासयोग्य रहना चाहिए। बड़ी ईमानदारी के साथ और वफादारी के साथ में सब काम करने चाहिए।
2 तीमुथियुस 2:22 प्रेरित पौलुस अपने अपने अंतिम समय में जवान तीमुथियुस को यह सलाह देता है कि जवानी की गलत अभिलाषा को छोड़कर धार्मिकता, विश्वास इत्यादि का पीछा कर। इस विश्वास के लिए हमें जीना है। परमेश्वर हमारा कान पकड़कर हमें यह करने को नहीं कह रहा परंतु हमें आज्ञा दी गई है।उसका पालन करना इस बात को दिखाता है कि आप और मैं परमेश्वर से प्रेम करते हैं।
एक और उदाहरण जो समाचार की किताबों में हमें मिलता है। जिसे तोड़ो का दृष्टांत कहते हैं मती 25:14-30 यहां पर स्वामी ने उन दासों को शाबाशी दी है जो उस काम के लिए स्वामी ने उनको दिया था वे उस काम कि करने में विश्वासयोग्य रहे। मसीही जीवन में विश्वासयोग्य बहुत जरूरी है। प्रभु यीशु मसीह ने भी कहा, कि प्राण देने तक विश्वासयोग्य रहे, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा प्रकाशितवाक्य 2:10 l
पवित्र आत्मा का फल विश्वास:स्रोत
प्रेरितों 6:5 हमेशा की तरह ही पवित्र आत्मा का फल है तो वह फल पवित्र आत्मा के द्वारा ही आएगा। इस विश्वासयोग्यता को आप संसार के तौर पर प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि संसार के अधिकतर लोग तो परमेश्वर की बातों को नकार या उसको सुनना पसंद भी नहीं हैं । परंतु जिनमें परमेश्वर का आत्मा है वह विश्वास और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण है। जिन दासों को प्रेरितों के समय में चुना गया वह विश्वासयोग्य थे ।

सितफनुस को जो उनमें से एक था परमेश्वर की हर एक बात के प्रति विश्वासयोग्य था। जो कुछ सच्चाई परमेश्वर के बारे में पुरानी में बताएं और यीशु मसीह में कैसे पूरी होती है। वह इन बातो के प्रति विश्वास योग्य था। जब उसने इस बात का प्रचार किया तो उन लोगों ने इस सच्चाई को कबूल करने की वजह उसको पत्थरवाह करके मार दिया। परमेश्वर के साथ विश्वासयोग्य रहेंगे तो संसार के साथ विश्वासयोग्य रह पाना असंभव है । यही है पवित्र आत्मा का फल विश्वास।
तो क्या आप में पवित्र आत्मा का फल विश्वास है। क्या आप अपनी हर बात में सच्चे है। क्या आप परमेश्वर के वचन की सच्चाई को थामे रखते है।