पवित्र आत्मा का फल धीरज 04, Pavitr Aatma ka fal/ Fruit of Spirit

पवित्र आत्मा का फल धीरज

आज आप इस लेख में हम पवित्र आत्मा का फल धीरज पर सीखने जा रहे हैं| इससे पहले आप **पवित्र आत्मा के फल “प्रेम”, “आनंद”, “शांति**” के बारे में देख चुके हैं | अगर आपने अभी तक उनके विषय में नहीं पढ़ा | तो इन पर टच करके आप इस लेखों को पढ़ सकते हैं। या फिर मैन्यू में जाकर दूसरे लेखों को भी आप पढ़कर परमेश्वर के बारे में और बाइबिल के अद्भुत बातों को सीख सकते हैं।

पवित्र आत्मा का फल धीरज

पवित्र आत्मा का फल धीरज क्या है

इससे पहले कि आप इसको परमेश्वर के वचन से देखें|  आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि धीरज को आप किस तरह से समझते हैं ? हमारी समझ में धीरज का अर्थ हैं किसी मुश्किल समय का सामना करना | जैसे मुश्किल के समय में धीरज धरना कि आने वाला समय अच्छा होगा | जब कोई बीमार है तो उसकी चंगाई के लिए धीरज धरना। मतलब उसके अच्छे होने के इंतजार को हम धीरज के रूप में समझ सकते हैं अधिकतर लोगो धीरज को ऐसे ही समझते हैं कि आने वाला समय अच्छा होगा।

लेकिन बाइबिल में थोड़ा सा अलग है धीरज के लिए 2 शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जैसा कि आप जानते हैं कि नया नियम ग्रीक (यूनानी) भाषा में लिखा गया है तो यूनानी भाषा में धीरज के लिए जो पहला शब्द इस्तेमाल किया गया है वह हैं hupomonē (ह्यूपोमोन) जिसका अर्थ है “बने रहना” यानी के जब कुछ गलत हो या जीवन में कुछ मुश्किलें हो जाए | उस समय प्रभु पर यह भरोसा रखना कि प्रभु सब कुछ सही करेगा|  यह धीरज की एक परिभाषा है।

पवित्र आत्मा का फल धीरज के लिए जो यूनानी शब्द इस्तेमाल किया गया है वह है markothumia (मार्कोथुमिया) इसका अर्थ है “वह व्यक्ति जो अपने गुस्से को दूर करता है” | यानी के यहां पर धीरज का अर्थ, आप इस प्रकार से समझ सकते हैं | एक ऐसे व्यक्ति के साथ धीरज धरना जो आपको गुस्सा दिलाता है या परेशान करता है | इस पर दूसरे शब्दों में कह सकते हैं क्रोध करने में धीमा होना।

पवित्र आत्मा का फल धीरज  ऐसा है कि किसी ने भी आपको कुछ भी कहा हो,आपके साथ जो कुछ भी किया गया और जो कुछ भी आपके साथ नहीं किया गया | उन सब बातों के प्रति वह धीरज करता है | वह उन बातों को लेकर लड़ाई झगडा नही करता | न ही वह दूसरों पर दोष लगाता फिरता हैं| एक पवित्र आत्मा पाया हुआ जन उन बातों को लेकर क्रोधित नहीं होता | अगर आपके अंदर पवित्र आत्मा का फल धीरज है तो आप अपने क्रोध को अपने आप से दूर रखेंगे। दुसरे पर अपने क्रोध/ को नही उतारेंगे |

पवित्र आत्मा का फल धीरज: स्वभाव

गिनती 14:18 “यहां पर इस प्रकार से लिखा है यहोवा क्रोध करने में धीरजबंद और अति करुणा में है”। भजन 86:15 “तू विलंब से क्रोध करने वाला और अति करुणा में है”।इन दोनों ही जगहों पर पवित्र आत्मा का फल धीरज के स्वभाव के बारे में लिखा गया है। इन दोनों ही जगहों पर जब आप इनको अपनी बाइबल से पूरा पढ़ेंगे तो आप पाएंगे कि यहां दोनों ही जगहों पर परमेश्वर को क्रोध करने में धीमा या धीरज वाला बताया गया है |

इन दोनों ही जगहों पर धीरज परमेश्वर के अनुग्रह को, दया को, और क्षमा के साथ हैं | दूसरे शब्दों में, पवित्र आत्मा का फल धीरज अनुग्रह, दया और क्षमा से जुड़ा हुआ है | यह उनके साथ और उनके प्रति है जिन्होंने परमेश्वर को निराश किया | जिन्होंने परमेश्वर को त्यागा | जिन्होंने परमेश्वर को क्रोध दिलाया | उनके पति परमेश्वर धीरज {क्षमा करने के लिए)  धरता है।

पवित्र आत्मा का फल धीरज

रोमियो 2:4 यहां पर भी पौलुस कहता है | कि परमेश्वर का धीरज उध्दार की ओर लेकर जाता है | आप  जब रोमियों की पत्री का पहला और दूसरा अध्याय पढ़ते हैं | तो वहां पर पौलुस बताता है, कि किस तरह से मानव जाति परमेश्वर के खिलाफ है |

परंतु परमेश्वर उनके प्रति धीरज धरे हुए हैं ताकि वे मन फिराये आए | परमेश्वर का धीरज मानवीय स्वभाव के बिल्कुल विपरीत है | आप हो या मैं हूं, हम उनके लोगों प्रति धीरज बिल्कुल भी नहीं दिखाते | जो हमारे साथ अच्छे से नहीं हैं परंतु पवित्र आत्मा का फल धीरज हमारे स्वभाव के बिल्कुल उलट है। इसलिए ये पवित्र आत्मा का फल हैं |

1 पतरस 3:20 पतरस बताता है परमेश्वर ने नूह के समय में 120 सालों तक धीरज धर कर बैठा रहा | परमेश्वर ने नूह  के समय के लोगों को इतना लंबा अवसर दिया | कि वह अपने बुरे कामों से मन फिराए | ताकि वे सब परमेश्वर के सीधे मार्गो पर चल सके | परंतु उन्होंने परमेश्वर के पास आना ना चाहा | परंतु 120 सालों तक परमेश्वर धीरज के साथ उनको सहता रहा | पवित्र आत्मा का फल धीरज इसी प्रकार का है।

2 पतरस 3:9 प्रभु आज भी पापियों के विषय में धीरज धरे हुए हैं | कि वह मन फिराए, क्योंकि परमेश्वर किसी भी पापी की मौत से खुश नहीं होता | परमेश्वर न्यायी परमेश्वर है परंतु परमेश्वर धीरजवंत भी है | परमेश्वर धीरज धरता है | वह क्रोध करने में धीमा है |

इसी तरह का धीरज, जिसे आज पवित्र आत्मा का फल करके हमें दिया गया है | यह धीरज परमेश्वर की ओर से आता है, इसको आप किसी दूसरी जगह से प्राप्त नहीं कर सकते हैं | यह धीरज परमेश्वर के द्वारा पवित्र आत्मा के जरिए हमें दिया गया है | हम इसे अपने आप से प्राप्त नहीं कर सकते | बल्कि यह तो सीधा परमेश्वर ही से शुरू होता है |

पवित्र आत्मा का फल धीरज :आज्ञा

इफिसियों 4:1-2 पौलूस कहता है कि हम उस जिस बुलाहट के लिए बुलाए गए हैं | तो उसके अनुसार हमें चलना भी है | मतलब सारी दीनता, नम्रता और धीरज धरकर, प्रेम से एक दूसरे को सहना है | तो हम इस धीरज को दिखाने के लिए बुलाए गए हैं | यह हमारे लिए कहा गया है कि हम उस बुलाहट के अनुसार, हर एक विश्वासी को जिसने यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार किया है |

उसके अंदर पवित्र आत्मा के फल का होना अनिवार्य है उस मसीही विश्वासी को इस पवित्र आत्मा का फल धीरज को दिखाना ही होगा | यह सबसे पहले तो हमें आपस में मतलब एक मसीही भाई दूसरे मसीह भाई के प्रति धीरजवंत होना चाहिए | ना कि उनको एक दुसरे के बुरा भला कह कह टोंट मरना चाहिए।

कुलुसियों 3:12 यहां पर पौलुस कहता है | परमेश्वर के चुने हुओं के सामान सहनशीलता धारण करो। यहां पर भी हर एक मसीही विश्वासी को यह आज्ञा दी गई है | कि वह पवित्र आत्मा का फल धीरज को पहन ले | यह हमसे कोई आग्रह नहीं किया गया| बल्कि हमें आज्ञा के रूप में दिया गया है | यह परमेश्वर ही की ओर से आता है | जब हम इस संसार में हैं तो हमें जिस प्रकार से परमेश्वर ने हमारे प्रति, आपके प्रति धीरज धरा, वैसे ही आपको भी दूसरों के प्रति धीरज धरना है।

पवित्र आत्मा का फल धीरज

2 तिमोथी 4:2 यहां पर पौलुस तिमोथी को कहता है सब प्रकार की सहनशीलता और शिक्षा के साथ प्रचार को करना है | यह बात सभी प्रचारको के लिए भी हैं |  कि हमें भी बड़े धीरज के साथ वचन के प्रचार के बाद, सुसमाचार के प्रचार के बाद इंतजार करना चाहिए |

क्योंकि फल आने में समय लगता है | एक ही दिन में सब कुछ नहीं हो जाता | तो हम जब भी प्रचार करें, सुसमाचार प्रचार करें | तो इस बात की अपेक्षा ना करें |कि एक ही दिन में बहुत कुछ हो जाएगा | बल्कि हम इंतजार करें | और देखें कि प्रभु किस तरह से अपने कार्य को करता है यह बेहद ही जरूरी है।

1 थिस्सलुनिकियों 5:14 सब की ओर सहनशीलता दिखाओ। एक मसीही विश्वासी का सहनशील होना बहुत जरूरी है | सिर्फ मसीही समाज में नहीं, बल्कि सामाजिक तौर पर भी और यह प्रभु के दास की ओर से प्रभु द्वारा दी गई एक आज्ञा है| आपको सब के प्रति सहनशील रहना हैं | उनके प्रति जो हमें परेशान करते हैं हम धीरज धरे, जैसे परमेश्वर आपके प्रति धीरज धरता है |

उन्हें दूसरा मौका दें, उन्हें समझाएं | अगर कोई काम नहीं कर पाता है, तो उसके साथ मिलकर उस कार्य को करें | परंतु धीरज के साथ उनके साथ रहे | दाना पानी लेकर किसी व्यक्ति के सिर पर ना चढ़े हैं | और ना ही किसी के पीछे नहा धोकर पड़े | क्योंकि अगर परमेश्वर आपसे हिसाब लेने लगे, तो आप भी उसके सामने सही नहीं होंगे।

पवित्र आत्मा का फल धीरज : स्रोत

जैसा हम पहले भी देख चुके हैं | कि यह पवित्र आत्मा का फल है | पवित्र आत्मा की ओर से ही आएगा | पवित्र आत्मा परमेश्वर की ओर से आता है | और यह धीरज वाला फल या पवित्र आत्मा का फल धीरज परमेश्वर ही का एक गुण है | जो पवित्र आत्मा के द्वारा हमें दिया गया है |

कुलुसियो 1:11 हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सकूं | जैसे यहाँ पर दिया गया है परमेश्वर की महिमा की शक्ति के अनुसार हमें बलवंत होना है | वह शक्ति है परमेश्वर का आत्मा है पवित्र आत्मा | आज कोई कहता है कि उसके अंदर परमेश्वर का आत्मा है | तो पवित्र आत्मा का फल धीरज उसके अंदर होगा | क्योंकि परमेश्वर का जैसा परमेश्वर का स्वभाव हैं वैसा ही पवित्र आत्मा का भी स्वभाव है जो हम में वास करता है | आप में वास करता है  | तो आज आप सब के लिए ये सवाल हैं कि क्या आप पवित्र आत्मा के अनुसार चलते हैं कि आपका जीवन पवित्र आत्मा का फल धीरज से भरा हुआ है?

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