पवित्र आत्मा का फल कृपा 05/ Pavitr aatma ka fal/ Fruit of Holy Spirit

पवित्र आत्मा का फल कृपा- परिचय

पवित्र आत्मा के फल के बारे में आप बहुत कुछ अभी तक जान चुके हैं। अगर अभी तक आप पवित्र आत्मा का फल के बारे में नहीं पढ़ा  है तो यहां पर टच करके आप पवित्र आत्मा के फल के बारे में पढ़ सकते हैं। आज इस लेख में हम पवित्र आत्मा का फल कृपा पर विचार करेंगे। पवित्र आत्मा का फल कृपाधीरज के समान ही हैं। पवित्र आत्मा का फल कृपा को हम बाकि फलों के जैसे ही अध्ययन करेंगे |  सबसे पहले हम उसके स्वभाव को पढ़ेंगे | कि पवित्र आत्मा  का फल कृपा क्या है ?

इसके बाद, हम देखेंगे कि पवित्र शास्त्र में दूसरों पर कृपा करने की आज्ञा किस प्रकार दी गई है।| अंत में, हम यह जानेंगे कि पवित्र आत्मा का फल कृपा का स्रोत क्या है?

पवित्र आत्मा का फल कृपा

पवित्र आत्मा का फल कृपा : अर्थ

पवित्र आत्मा का फल कृपा के बारे में समझने से पहले आपको इस बात को समझना  जरूरत है असल में कृपा शब्द का अर्थ क्या होता है । गूगल शब्दकोश के मुताबिक कृपा का अर्थ  “निःस्वार्थ भाव से किसी के लिए की गई मेहरबानी” है। बाइबल की यूनानी भाषा में पवित्र आत्मा के फल कृपा के लिए chrēstotes शब्द का उपयोग किए गया हैं। जिसको आप इस तरह से कह सकते हैं और “दिल से अच्छा होना”

पवित्र आत्मा का फल कृपा एक महत्वपूर्ण नैतिक गुण है, जिसका अनुभव हमें परमेश्वर के द्वारा होता है, जैसा कि बाइबल में कहा गया है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि परमेश्वर का वचन स्पष्ट बताता है कि कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से कृपा नहीं करता  रोमियो 3:12

हर व्यक्ति अपने स्वार्थ की तलाश में है। आप जो कुछ भी करते हैं, उसका भी एक स्वार्थ है। अगर आप किसी की भलाई करते हैं, तो आप इसलिए करते हैं कि शायद भविष्य में आपको उसकी ज़रूरत पड़े। आप बिना किसी लाभ के किसी की भलाई नहीं करते। इस प्रकार, सभी में कहीं न कहीं एक स्वार्थ छिपा होता है। लेकिन परमेश्वर की कृपा हमारे स्वभाव के उलट है।

तीतुस 3:4 परमेश्वर की कृपा और प्रेम इस रीती से प्रकट हुआ कि उसने हमारा उद्धार किया। पवित्र आत्मा का फल कृपा या परमेश्वर की कृपा को आप ऐसे ही समझ सकते हैं | कि जब आप परमेश्वर के विरोध में थे| जब आप परमेश्वर के खिलाफ थे | 

तब परमेश्वर ने आप पर कृपा दिखाई | कि आपको पाप के दलदल से छुड़ाया | इसके लिए यीशु मसीह ने अपना बलिदान दिया | प्रभु यीशु मसीह ने अपने लहू की एक-एक बूंद को बहा दिया | ताकि आप अपने पाप से आजाद किये जा सके|

यह परमेश्वर की कृपा है परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा का फल कृपा का स्वभाव हैं | यह इस तरह की कृपा है कि बिना कुछ पाने की उम्मीद से आप किसी के लिए सबसे उत्तम कार्य को करते हैं | जैसे परमेश्वर ने आपके लिए किया है। इफिसियों 2:7 परमेश्वर हमारा उद्धार इसलिए किया है

कि हम पर अपनी कृपा से जो मसीह यीशु में है आने वाले समय में अनुग्रह के असीम धन को दिखाएं|  तो हमारा उद्धार भी परमेश्वर की कृपा से है।कुलुसियों 3:12 यहां पर हमें कृपा के लिए एक बेहतरीन शब्द मिलता है | जो पवित्र आत्मा का फल कृपा को और ज्यादा स्पष्ट कर देता है वह है भलाई

पवित्र आत्मा का फल कृपा

कृपा का स्वभाव क्या है ?  दूसरों की भलाई (बिना किसी लाभ के) करना और कुलुसियों में प्रेरित पौलुस कहता है | परमेश्वर के चुने हुए के सामान पवित्र और प्रिय, तुम भलाई करना धारण करो | पवित्र आत्मा का फल कृपा यह परमेश्वर के चुने हुए लोगों के लिए हैं। एक सवाल है जो आपके भी मन में आ सकता हैं और जो मेरे भी मन में आया है| 

कि अगर परमेश्वर इतना कृपालु है तो फिर पाप की सजा क्यों देता है ? या फिर हम जब गलती करते हैं तो दंड क्यों देता है ? उसका उत्तर समझने के लिए हमें गिनती 14:18 पढ़ना पड़ेगा: यहां पर परमेश्वर के विषय में लिखा है कि वह दोषी को किसी भी प्रकार से निर्दोष ना ठहर आएगा।

परमेश्वर कृपालु है अनुग्रहकारी है | परंतु परमेश्वर न्याय करने वाला परमेश्वर भी है | इसीलिए हमें क्रूस की आवश्यकता है|  क्रूस पर आप परमेश्वर के न्याय को देख पाते हैं | परमेश्वर के न्याय को आप यीशु मसीह पर सरेआम देख सकते हैं | किस तरह से प्रभु यीशु मसीह ने पापियों को बचाने के लिए कलवरी के क्रूस पर अपनी जान दे दी |

अगर आप में से कोई भी आज यीशु मसीह पर ईमान (विश्वास) लाता है | कि यीशु मसीह उसका उद्धार करने वाला परमेश्वर है| वह परमेश्वर की कृपा में आ जाता है | जो ईमान (विश्वास) नहीं करता, उस पर परमेश्वर का दंड बना रहता है।

यही परमेश्वर की कृपा है | कोई भी खुद अपने आप को परमेश्वर के दंड से नहीं बचा सकता | इसीलिए परमेश्वर ने अपने पुत्र यीशु मसीह को इस जगत में भेजा, ताकि वह हमारे लिए कलवरी के क्रूस पर कुर्बान हो | इसमें परमेश्वर का कोई भी स्वार्थ नहीं है इससे ज्यादा भलाई कोई भी मनुष्य के लिए नहीं कर सकता। अभी आप ने समझा की पवित्र आत्मा का फल कृपा का अर्थ क्या है और उसका वास्तविक स्वभाव क्या हैं। ।

पवित्र आत्मा का फल कृपा : एक आज्ञा

पवित्र आत्मा का फल कृपा के स्वभाव को जानने के बाद | अभी परमेश्वर का आत्मा हमें उस कृपा दूसरों पर प्रगट करने की आज्ञा भी देता है। रोमियो 11:22 यहां पर पौलुस बताता है | कि किस तरह से एक अन्यजाति ( जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं) परमेश्वर के प्रतिज्ञा में भागी हुआ| इस तरह से परमेश्वर ने हम (हम सब अन्यजाती लोग है ) पर कृपा दिखाइ| परमेश्वर इ इस बात की आज्ञा देता है की पवित्र आत्मा का फल कृपा जैसा परमेश्वर ने हम पर कृपा दिखाई |

जब हम उसके विरोध में थे जब हम उसके खिलाफ में थे | जब आप हर एक काम परमेश्वर के खिलाफ करते है | और आज भी करते हैं | परंतु फिर भी आप मरे नहीं, दंड नहीं आए | क्योंकि परमेश्वर की कृपा आप पर हैं | और परमेश्वर यही आज्ञा आपको देता है कि पवित्र आत्मा का फल कृपा को आप दूसरों पर भी प्रकट करें।

मैं आपको बाइबल से एक उदाहरण याद दिलाना चाहता हूँ (मत्ती 18:21) जिसने कर्ज लिया था जब उसका स्वामी लौटकर आया तो उसने क्षमा मांगते हुए कहा, कि मैं आपका कर्ज नहीं भर सकता | मुझे क्षमा कर दें | और स्वामी इस पर कृपा कर दिखाई और उसे क्षमा कर दिया | और जब उसका कर्ज क्षमा किया गया | जब उसका साथी आया जो उसका कर्जदार था | 

पवित्र आत्मा का फल कृपा

उसने इस व्यक्ति से  कहा कि मैं आपका कर्ज नहीं भर सकता | मुझे क्षमा कर दें | तो उसने इस पर कोई भी कृपा नहीं दिखाई | उसने उसे मारा-पीटा और उसके साथ बदसलूकी की | और यह बात जब उसके स्वामी को पता चली | तब उसने स्वामी ने पकड़वा कर कैद खाने में डलवा दिया | कहा कि जब तक पाई पाई ना भर दे यहीं पर रहेगा |

इसी तरह से परमेश्वर ने हम पर कृपा दिखाई है आप पर कृपा हुई| तो हमें वही कृपा दूसरों पर भी दिखानी है। पवित्र आत्मा से परिपूर्ण व्यक्ति के अंदर पवित्र आत्मा का फल कृपा अवश्य ही होगा | जो व्यक्ति पवित्र आत्मा से परिपूर्ण है वह पवित्र आत्मा का फल कृपा को जरूर दिखाएगा।

2 तिमोथियस 2:24 यहां पर पौलुस परमेश्वर के दास के बारे में लिखता है | कि उसे किस तरह का होना चाहिए | और वह कहते हैं कि परमेश्वर के दास को झगड़ालू नहीं, वरन परंतु सबके साथ कृपा भाव वाला या दयालु होना चाहिए| यह वही पवित्र आत्मा का फल कृपा की बात करता है  |

और यह सिर्फ परमेश्वर के दास के लिए नहीं बल्कि हम सभी के लिए जो परमेश्वर की संतान होने का दावा करते हैं जरूरी है | हम भी सभी लोगों के साथ चाहे वह प्रभु में है या नहीं कृपा दिखाएं | क्योंकि प्रभु ने भी हम पर कृपा दिखाई थी |  जब हम उसके नहीं थे | तो हमें भी अपने आसपास वालों पर कृपा को दिखाना चाहिए | ताकि वे परमेश्वर को जाने और उसके नाम की बड़ाई करें ।

पवित्र आत्मा का फल कृपा: स्रोत

जैसा कि मैं हमेशा कहता हूं, जैसा पेड़ होगा फल उसी पेड़ का होगा | उसी प्रकार से कृपा पवित्र आत्मा का फल है तो यह कृपा सिर्फ पवित्र आत्मा की ओर से ही आएगी | इस पवित्र आत्मा का फल कृपा को प्राप्त करने के लिए कोई दूसरा जरिया नहीं है |

इसलिए जरूरी है कि आप पवित्र आत्मा की अगुवाई में बने रहें| और परमेश्वर के वचन में लगातार चलते रहें | ताकि पवित्र आत्मा का फल कृपाआप में और भी बढ़ता जाए | जितना ज्यादा परमेश्वर के वचन में बढ़ते रहेंगे | उतना ज्यादा आप परमेश्वर को जानेंगे और परमेश्वर का वचन आप में बढ़ेगा |

उतना ही ज्यादा  पवित्र आत्मा का फल कृपा भी आप में बढता जायेगा |  और आप जान पाएंगे कि आप कौन हैं ? कैसे हैं ? और किस तरह से परमेश्वर ने आप पर अपनी कृपा दिखाएं | उसी तरह से फिर आप दूसरों पर भी पवित्र आत्मा का फल कृपा को प्रकट कर पाएंगे 2कुरिंथियों 6:6याकूब 3:17

कृपया इसे दूसरों तक भी सांझा करें ताकि मैं भी पवित्र आत्मा के फल के बारे में जानकर अपने जीवन को सही कर सके और परमेश्वर को भागता हुआ जीवन जी सकें।

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