परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता- परमेश्वर के गुण भाग 08/ Immutability of God-Hindi/Parmeshwar ki Aprivrtniyta

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परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता क्या हैं?

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता के बारे में जानने से पहले आपको इस बात को जानना हैं कि  अपरिवर्तनीयता का अर्थ है किसी वस्तु में बदलाव या परिवर्तन ना होना। जिस किसी मे भी बदलाव ना तो उसको उस वस्तु की अपरिवर्तनीयता कहा जाता है। जब हम परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता की बात करते है, तो इसका सीधा सा तात्पर्य यह हैं कि परमेश्वर कभी भी नहीं बदलता। मैं परमेश्वर के रूप की नही बल्कि परमेश्वर के गुणों के बारे में बात कर रहा हूँ।

मै एक साधारण सी बात को आपके सामने रखना चाहता हूँ। जिस से आप इस विषय को अच्छे से समझ पाएंगे। इस कायनात में, इंसान में, जानवर में, यहाँ तक कि जितनी भी चीजें मौजूद है उन सब में एक बात बहुत ही समान है, वो है बदलाव या परिवर्तन । अब शायद ये सुनने मे इतना अजीब ना लगे। परंतु जब ये होता है तब बहुत कुछ हो जाता है।

मान लीजिए आपने एक छोटा सा पौधा लगाया है। कुछ सालों बाद वो बढ़ जाएगा और आपको बदलाव देखने को मिलेगा। कि कैसे वो एक नाजुक से पौधे से एक बड़ा और मजबूत पेड़ बन गया है। ऐसा ही कुछ इंसान के साथ होता है। हम भी बदल जाते है सिर्फ शक्ल और सूरत में ही नहीं बल्कि सीरत में भी।

जब ये बदलाव होता है। तो हम सब अपने बारे में सोचते है। और जब कोई हमारा अजीज बदलता है तो हम उसके बारे में सोचते है। हम सब इस अनुभव से होकर गुजरे है या गुजर रहे है। अगर नहीं तो परेशान ना हो आप जरूर गुजरेंगे।

ये बदलाव बहुत ही दुख देने वाला भी और सुख देने वाला भी होता है। पर इतना सब कुछ जब हमारी जिंदगी में चलता है, तो हम सीधा परमेश्वर पर दोष लगाने लग जाते है। पर परमेश्वर के बारे में एक बात है जो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि परमेश्वर कभी नहीं बदलतापरमेश्वर जैसा है वो वैसा ही रहता है। हम बदल जाते है। और बदलते भी हैं परंतु परमेश्वर बिलकुल एक सामान रहता हैं।

हम अपने हालत को देख कर बदल जाते हैं। या कई बार परिस्थिति हमें बदलने पर मजबूर कर देती हैं। परंतु परमेश्वर के साथ ऐसा नहीं हैं परमेश्वर अपरिवर्तनीय यानि के ना बदलने वाला परमेश्वर हैं। और परमेश्वर की अपरिवर्तनीय अटल हैं।

परमेश्वर सर्वव्यापी हैं

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता के बारे में बाइबल क्या बताती हैं?

परमेश्वर का कोई भी भूतकाल या भविष्यकाल नहीं है। परमेश्वर हमेशा वर्तमान ही रहता है। क्योंकि परमेश्वर में कोई भी बदलाव नहीं होता। आप ऐसा नहीं कह सकते कि पुराने समय में परमेश्वर ऐसा था और आज परमेश्वर ऐसा है। उस समय से लेकर अब तक परमेश्वर में ये-ये बदलाव आ गए।

यदि मैं दूसरे शब्दों में कहूँ, अगर कोई कहता हैं कि पुराने नियम में परमेश्वर अलग था और नए नियम का परमेश्वर अलग है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। ये मसीह विश्वास के बिल्कुल ही विपरीत और विरुद्ध हैं अगर कोई ऐसा कहता है कि पुराने नियम का परमेश्वर अलग है और नए नियम का परमेश्वर अलग है तो एक बात तो उस व्यक्ति के बारे में पक्की है कि उसको परमेश्वर के बारे में कोई भी ज्ञान नहीं है।

क्योंकि बाइबल ही हमें ये शिक्षा देती हैं कि परमेश्वर कभी भी बदलता नहीं है (मलाकी 3:6; इब्रानीयों 13:8; 1 शमूएल 15:29; याकूब 1:17; व्यवस्थाविवरण 32:4 )। परमेश्वर हमेशा एक समान रहता है। परमेश्वर कभी भी समय या हालात देख कर नहीं बदलता (भजन 102:26)।  परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता का गुण बहुत ही कमाल का गुण हैं।

परमेश्वर में अपरिवर्तनीयता क्यों हैं/ परमेश्वर क्यों नहीं बदलता?

परमेश्वर अपरिवर्तनीय है क्योंकि वह अनंत हैं।

मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस बात से सहमत है कि परमेश्वर अनंतकाल से हैं। परमेश्वर की ना कोई शुरुआत है और ना कोई अंत हैं। सबसे पहले ये जानिए कि बदलाव कब होता हैं और कैसे होता हैं। किसी भी बदलाव या परिवर्तन को होने के लिए उसको समय काल से गुजरना बहुत जरूरी हैं। जैसे-जैसे समय गुज़रता जाता हैं। सब में बदलाव आता जाता हैं परंतु परमेश्वर अनंत है। परमेश्वर समय का बनाने वाला हैं। परमेश्वर की प्रभुता समय पर भी हैं। इसलिए परमेश्वर अपरिवर्तनीयता का होना या बदलना असंभव हैं। (भजन 90:2-4)

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता परमेश्वर की सिद्धता के लिए जरूरी है।

परमेश्वर अपने गुणों में ना बदलने वाला है। जैसा हमने देखा था कि परमेश्वर अनंत काल से है। ऐसा कोई भी समय नहीं है जब परमेश्वर मौजूद न रहा हो और ना ही होगा। तब से लेकर अब तक परमेश्वर जैसा था अभी भी परमेश्वर वैसा ही है।

परमेश्वर में कोई भी बदलाव नहीं है। परमेश्वर में ना तो कुछ बढ़ा है और ना ही कुछ घटा है। जैसा परमेश्वर ने कहा कि “मैं यहोवा बदलता नहीं” (मलाकी 3:6)। इस्राएल के लोग अगर अब तक जीवित है और यदि हम सब अगर आज तक जीवित है तो परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता या ना बदलने वाले गुण की वजह से ही जीवित है। हमने ऐसा कुछ भी अच्छा काम नहीं किया कि परमेश्वर हमे पाप का दंड ना देता। बल्कि वो हमसे प्यार करता है। और परमेश्वर हमेशा से सिद्ध है।

परमेश्वर का प्यार जो वो हमसे करता है बदलता नहीं है (यिर्मयाह 31:3; यूहन्ना 13:1; भजन 100:5)। अब तक हमने जितने भी परमेश्वर के गुणों को देखा है, परमेश्वर के वो सारे गुण सिद्ध है उनमे कोई भी परिवर्तन नहीं हो सकता और ना ही होगा। और यही हमारे परमेश्वर को महान और अद्भुत बनाती है। यही बात परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता को साबित करती हैं।

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता और परमेश्वर के सर्वज्ञान एक दूसरे से जुड़े हैं।

परमेश्वर का सर्वज्ञानी होना परमेश्वर के ना बदलने वाले गुण के साथ जुड़ा हुआ हैं जब किसी को कोई नई जानकारी मिलती हैं, तो उसके विचारों में बदलाव आता हैं। परंतु परमेश्वर के संबंध में ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं।

क्योंकि परमेश्वर सर्वज्ञानी हैं और कभी भी ऐसा समय नहीं हुआ और ना ही होगा कि परमेश्वर को कोई नही जानकारी प्राप्त हुई हो। और फिर परमेश्वर को अपने विचार बदलने पड़े हो। सब कुछ जो भी होता है वो परमेश्वर के ज्ञान में होता हैं। और परमेश्वर को कभी कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं हैं। और ना ही पड़ेगी। और परमेश्वर का सर्वज्ञानी होना ही परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता को बनाता है।

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता

विश्वासियों के लिए आशा

परमेश्वर की योजना विश्वासियों के लिए बदलती नहीं हैं।

परमेश्वर की योजना कभी भी नहीं बदलती (गिनती 23:19)। जिसका अर्थ है परमेश्वर ने आपके और मेरे विषय में जो योजना बनाई है उसको परमेश्वर सफल जरूर करेगा बस हमे उसके वचन पर बने रहना है। अगर आप परमेश्वर की बुलाहट में है तो वो आपके विषय में उस मकसद को पूरा करेगा जो उसने आपके लिए रखा है (रोमियों 11:29; अय्यूब 23:13)

यद्यपि आपकी और मेरी योजना कुछ लोगों के विचारों या कुछ घटना के बाद बदल जाते है। या फिर हम उस योजना को पूरा करने से डरते है और कभी भी सक्रिय नहीं रह पाते। हमारे साथ हमेशा ऐसा ही होता है। परंतु परमेश्वर की योजना ऐसी नहीं है। परमेश्वर की योजना हमेशा बनी रहती है (भजन 33:11)।

परमेश्वर हर मुश्किल समय में संभालेगा।

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता हमें इस बात का भरोसा दिलाती है कि हमारे मुश्किल समय में भी परमेश्वर नहीं बदलता। हमारा परमेश्वर ऐसा नहीं है जो हमारे हालातों को देख कर बदल जाता हैं । बल्कि वो हमें हर मुश्किल में संभालता है क्योंकि परमेश्वर कभी नहीं बदलता। और उन मुश्किलों में हमें रास्ता दिखता है जिनका आना जरूरी हैं। और वो आएंगी।  भजन 4:8 में परमेश्वर के उस उपलब्ध आराम को देख सकते है जो परमेश्वर मुश्किल समय में देता हैं। सच में परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता या उसका ना बदलने वाला गुण सच में बहुत सारी बातों पर से पर्दा उठा देता हैं।

किन चीजों के प्रति परमेश्वर कभी नही बदलता ?

परमेश्वर अपने वचन के प्रति कभी नहीं बदलता।

अब जब परमेश्वर बदलता नहीं तो बहुत सारी बातें और भी है जिनको हमे ध्यान में रखना चाहिए। हम अपनी प्रार्थनाओं में बहुत बार परमेश्वर के वचन के इस भाग का बहुत इस्तेमाल करते है कि परमेश्वर आज कल और युगानुयुग एक जैसा है (इब्रानीयों 13:8)। यीशु मसीह भी इस प्रकार से कहते है कि आकाश और पृथ्वी टल जायेंगे परन्तु मेरी बातें कभी नही टलेंगी। (मरकुस 13:31) परमेश्वर जो कहता है वो उसे पूरा करके ही रहता है, चाहे कुछ भी हो जाये। वह अपनी प्रतिज्ञाओं और अपने वचन के प्रति अटल है।

प्रतिफल के विषय में परमेश्वर कभी नहीं बदलता।

जब हम इब्रानियों की पुस्तक पढ़ते है तो इब्रानियों का लेखक अपने पाठकों को इस बात की सुधि दिला रहा कि परमेश्वर प्रतिफल देगा। जैसा परमेश्वर ने बीते समय में किया है। आज बहुत सारे लोग प्रभु के लोगों की सेवा से कतराते है। और ऐसा झूठे मसिहियों की वजह से है। जिनका मकसद सिर्फ पैसों को जोड़ना है।

अगर आप सच में सेवा भाव के साथ परमेश्वर के लोगों की ना कि सिर्फ पस्टर की बल्कि ऐसे मसीहों कि जिनको संगति में बढ़ोतरी चाहिए, सेवा करते है। तो परमेश्वर प्रति फल जरूर देगा। जो भी काम आप करते है चाहे वो परमेश्वर की नज़र में अच्छे हैं या बुरे, परमेश्वर से आपको उसका प्रतिफल ज़रूर मिलेगा। अब निर्णय हमारा है कि हमे कैसा प्रतिफल लेना है ?

शारीरिक पाप के विषय में परमेश्वर कभी नहीं बदलता।

दूसरी बात शारीरिक संबंधों में, आज के समय में ये एक कैंसर कि तरह फैल रहा। और बहुत सारे लोग मसीह समाज में भी इसका शिकार हो चुके है, आज हम बहुत सारे शब्दों को ला कर रख देते है जैसे कि परमेश्वर मन को देखता है, तन को नहीं, ये तो आज कल चलता है, उसने भी तो किया है, समय के साथ बदलना चाहिए और अपने मन से जीने की कोशिश करते है पर हम भूल जाते है कि परमेश्वर बदलता नहीं है।

तलाक के विषय में या विवाह के विषय में परमेश्वर कभी नहीं बदलता

जब परमेश्वर ने कहा कि मैं तलाक से नफरत करता हूँ (मलाकी 2:16)  तो वो आज भी नफरत करता है। हम अनुग्रह की आड़ में ऐसा पाप नहीं कर सकते।

इसी बात को लेखक कहता है कि विवाह का बिस्तर पवित्र रहे। जैसा कि आज बहुत सारे मसीह नहीं कहना चाहते। चर्च जाने वाले दूसरा विवाह कर रहे है, तलाक कर रहे है। पर भूल जाते है परमेश्वर भस्म करने वाली आग है (इब्रानीयों 12:29) और वो परमेश्वर बदलता नहीं है। तो पाप करते समय इस बात को जरूर याद रखे कि प्रतिफल जरूर मिलेगा ।

परमेश्वर की अपरिवर्तनीयता हमें उद्धार की ओर ले जाती हैं

आज आपके पास समय हैं कि आज यीशु को अपने उद्धारकर्ता या मुक्तिदाता के रूप में कबूल करें।

क्योंकि पमेश्वर कभी भी नहीं बदलता। और परमेश्वर पाप का दंड जरूर देगा। मैं ये आपको डराने के के लिए नहीं बल्कि सच्चाई बता रहा हूँ परमेश्वर के क्रोध और उसके दंड से बचने का एक ही रास्ता है विश्वास करें कि यीशु मसीह का बलिदान के द्वारा ही आप अपने सारे पापों से क्षमा प्राप्त कर सकते हैं।

इस बात पर विश्वास करे कि यीशु मसीह मेरे ही पापों के लिए क्रूस पर कुर्बान हुया और कब्र में रखा गया। और परमेश्वर ने उसे मुरदों में से तीसरे दिन जीवित किया।

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