प्रेरितों के जीवन में पवित्र आत्मा का कार्य 02/ Work of Holy Spirit in Apostle’s life

प्रेरितों के जीवन में पवित्र आत्मा का कार्य- एक परिचय

अब तक आप ने समझा की कैसे पवित्र आत्मा संसार के प्रति कार्य करता हैं | किस तरह से संसार को निरुत्तर करता हैं | परंतु उसके बार प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्रेरितों को बताया, कि पवित्र आत्मा का उनके जीवन में क्या कार्य हैं |अब हम पवित्र आत्मा के कार्य को प्रेरितों के जीवन में देखेंगे|

पवित्र आत्मा

इस भाग को पढ़ें: यूहन्ना 16: 13 परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आने वाली बातें तुम्हें बताएगा। \v 14 वह मेरी महिमा करेगा, क्योंकि वह मेरी बातों में से लेकर तुम्हें बताएगा। \v 15 जो कुछ पिता का है, वह सब मेरा है; इसलिये मैं ने कहा कि वह मेरी बातों में से लेकर तुम्हें बताएगा।

यूहन्ना 14:26 परन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।

सत्य का आत्मा

यहाँ पर प्रभु यीशु मसीह ने पवित्र आत्मा को एक और नाम दिया है सत्य का आत्मा | पवित्र आत्मा के कार्य यहाँ पर प्रभु यीशु मसीह ने बहुत ही स्पष्ट रीति से बता दिया हैं | कि पवित्र आत्मा प्रेरितों को सत्य का मार्ग बताएगा

सत्य का मार्ग, प्रभु यीशु मसीह ने चेलों को कहा था कि उन्हें प्रेरितों के साथ बहुत सारी बातें करनी थी | लेकिन वह अभी उन के साथ वे सब बातें नहीं कर सकते हैं | परंतु जब पवित्र आत्मा आएगा तो वह प्रेरितों को सब सत्य बताएगा | पवित्र आत्मा प्रेरितों को परमेश्वर के बारे में सब कुछ सच-सच बताएगा | पवित्र आत्मा प्रेरितों को झूठ नहीं बताएगा और न ही झूठे मार्ग पर लेकर जाएगा |

इसलिए जब प्रेरितों ने जो कुछ कहा और समझाया था  और जो कुछ पत्रियों में लिखा हैं | वह सब पवित्र आत्मा की ओर से था | प्रभु यीशु मसीह ने पवित्र आत्मा के लिए एक विशेष शब्द का इस्तेमाल किया है | “सत्य का आत्मा” सत्य के आत्मा से पवित्र आत्मा के बारे में जो मुख्य सच्चाई हमें सीखने को मिलती हैं | वह ये है कि पवित्र आत्मा में भी परमेश्वर के समान गुण हैं| प्रभु यीशु में ने ये नहीं कहा कि आत्मा में सत्य हैं |

परंतु पवित्र आत्मा ही सत्य है | इस वाक्य से आप पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के गुणों की समानता को देख सकते हैं | यीशु मसीह ने भी कहा कि मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ | परमेश्वर तो सत्य है ही | यही सत्य का आत्मा प्रेरितों के साथ था | तो जो कुछ भी उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के बारे में लिखा हैं वह सब सत्य हैं | और ऐसा क्यों है इस बात को आप नीचे समझेंगे |

सत्य का मार्ग

आज हमारे पास बहुत सारे ऐसे संसाधन हैं | जिनसे आज हम को पता लग जाता हैं | कौन-सी शिक्षा सही और कौन-सी शिक्षा गलत हैं। लेकिन प्रेरितों के समय में ऐसा कुछ भी नहीं था | क्योंकि तब तक परमेश्वर का वचन लिखित रूप में नहीं था | तो सिर्फ परमेश्वर का आत्मा ही इस बात को प्रमाणित कर सकता था कि जो वचन बोला जा रहा है क्या वह परमेश्वर की तरफ से है या नहीं ?

नए नियम की कलीसिया की शुरुआत में जिसने भी यीशु मसीह पर विश्वास किया उसके पास परमेश्वर का आत्मा था | अगर कोई इस बात का दावा करता था कि परमेश्वर ने उसको ऐसा वचन दिया है तो हर व्यक्ति जिसका उद्धार हुआ था वह जान जाता था कि वह वचन परमेश्वर की तरफ से है या नहीं | इस बात को जानने के लिए कौन व्यक्ति सच बोल रहा हैं और कौन नही? प्रेरितों के समय में हमारे समान बहुत सारे विकल्प नही थे | वे सभी पवित्र आत्मा पर निर्भर थे |  पवित्र आत्मा के कार्य में एक ये भी कार्य था कि वह प्रेरितों को परमेश्वर के सत्य वचन पर लेकर चलता था |

इसलिए जब प्रेरितों ने नए नियम को लिखा तो वह पवित्र आत्मा की प्रेरणा से पवित्र शास्त्र की रचना हो रही थी। पवित्र आत्मा ने प्रेरितों के मन में सत्य के मार्ग को प्रगट किया और उनको उभारा कि वे उन सच्चाइयों को लिखे; जो पवित्र आत्मा के द्वारा उनके मन में डाली गई थी | ( 2 तिमों 3:162 पतरस 1:20-21)|

पवित्र आत्मा

आज हमारे पास परमेश्वर के द्वारा दिया गया वचन हैं | जो आज हम सबको परमेश्वर के साथ चलने के लिए, कलीसिया को सही दिशा में ले जाने के लिए, भक्ति वाला जीवन जीने के लिए, और किस तरह से परमेश्वर के प्रेम और गुणों को प्रगट करना हैं | यह सब कुछ हम परमेश्वर के वचन से ही सीखते हैं| अगर आज कोई आकर कहता हैं कि उसको परमेश्वर की तरफ से ऐसा संदेश मिला हैं| तो हमारा सबसे पहला काम हैं कि उसको परमेश्वर के वचन से खोजना की क्या वह वास्तव में सही हैं या नही हैं|

आने वाली बातें बताएगा

पवित्र आत्मा के कार्य में एक कार्य ये भी था कि वह प्रेरितों को आने वाले समय के बारे बताएगा कि वह कैसा होने वाला हैं| पवित्र आत्मा के इस कार्य का संबंध परमेश्वर के द्वारा बताई गई बातों से हैं| पवित्र आत्मा अपने आप से कुछ नहीं कहता या प्रगट कर रहा था या हैं| सब कुछ निर्धारित हैं| उदाहरण के तौर पर प्रभु यीशु मसीह के आने के समय के बारे में| परमेश्वर ने उसको किसी पर भी प्रगट नहीं किया तो पवित्र आत्मा भी नहीं करेगा| जो जरूरी हैं और जिस बात को परमेश्वर चाहता था कि कलीसिया पर प्रगट किया जाए सिर्फ उन्हीं बातों को पवित्र आत्मा ने प्रगट किया हैं|

आज के समय में जो कोई भी इस बात को कहता हैं कि पवित्र आत्मा उसको भविष्य में बारे में बता सकता है| तो उस से आपको बहुत ही सावधान रहने की जरूरत हैं| क्योंकि पवित्र आत्मा का काम ये नहीं हैं जो आज कल के अधिकतर लोग समझ रहें हैं| जो बातें पवित्र आत्मा ने बतानी थी उन सब बातों को पवित्र आत्मा पहले-से ही बता चुका हैं| आज कुछ भी ऐसा नहीं है जो पवित्र आत्मा परमेश्वर के वचन में शामिल करना चाहता हो|

महिमा करना

पवित्र आत्मा के कार्य में प्रभु यीशु मसीह की महिमा करना भी शामिल हैं| प्रेरितों के काम को जब आप पढ़ते हैं| तब आप जान जाते हैं कि प्रेरितों ने आपके जीवन के द्वारा सिर्फ और सिर्फ यीशु मसीह को ही महिमा दी थी| पवित्र आत्मा ने जब प्रेरितों के जीवन में शक्ति दी तब से प्रेरितों ने जो कुछ भी किया वह सिर्फ और सिर्फ यीशु मसीह की महिमा के लिए ही किया|

प्रेरित पौलूस ने भी अपनी पत्रियों में सिर्फ यीशु मसीह ही को महिमा देने को कहा हैं| हम चाहे खाएँ, पीयें, जो कुछ भी करें उसके द्वारा सिर्फ सिर्फ ओर सिर्फ यीशु मसीह को महिमा देना हैं| जो पवित्र आत्मा का मुख्य कार्य हैं|

अगर आपके जीवन में भी पवित्र काम कर रहा हैं तो आपके जीवन से प्रभु यीशु मसीह के नाम की महिमा होगी| अगर कोई दावा करता हैं कि पवित्र आत्मा उसके जीवन में हैं और सारी महिमा सिर्फ इंसान को मिल रही हैं| तो वह पवित्र आत्मा का कार्य नहीं है|

जैसा कि आज आधुनिक युग में हो रहा हैं| बहुत सारे मसीह यीशु का नाम लेकर अपने नाम का प्रचार कर रहें हैं|  वो प्रभु यीशु मसीह को महिमा देने कि बजाए खुद के नाम को महिमा दे रहे हैं| पवित्र आत्मा के कार्य में प्रभु यीशु मसीह को महिमा देना ही मुख्य उदेश्य हैं|

वह मेरी बातों में से लेकर तुम्हें बताएगा।

पवित्र आत्मा के कार्य में ये बात भी मुख्य है कि पवित्र आत्मा अपनी मनमानी नहीं करता हैं| बल्कि वह सभ्यता के साथ कार्य करता हैं| पवित्र आत्मा ने जो कुछ भी बताया हैं या लिखवाया हैं| वह वही बातें हैं जो परमेश्वर ने अपने लोगों पर प्रगट करना चाहता था| जैसा यीशु मसीह ने भी कहा था मैं वही करता और कहता हूँ जो पिता को करते और कहते हुए सुनता हूँ| पवित्र आत्मा का कार्य भी ऐसा ही हैं|

पवित्र आत्मा

इसको आप ऐसे भी समझ सकतें हैं| यीशु मसीह इस दुनिया में नहीं थे और जब कलीसिया कि बढ़ोतरी होती गयी| तब कलीसिया में कई तरह कि समस्याओं का सामना करना पड़ा| तो उस समय पवित्र आत्मा ने प्रेरितों को आत्मिक समझ दी को उनको किस तरह समाधान करना हैं| वही बातें आज भी हमारे कलीसिया के जीवन में लागू होते हैं|

ध्यान करें कि इन बातों को बहुत लंबे समय पहले लिखा गया था| परंतु ये आज भी उतने ही संजीव है जीतने के उस समय में थे|  ऐसा काम सिर्फ और सिर्फ परमेश्वर ही कर सकता हैं|

सहायक, स्मरण, और सिखाएगा

पवित्र आत्मा का कार्य में प्रभु यीशु मसीह ने इन बातों को भी बताया हैं कि पवित्र आत्मा का कार्य प्रेरितों के लिए और भी हैं| पवित्र आत्मा का कार्य प्रेरितों की सहायता करना हैं| क्योंकि उन समय प्रेरितों के समय में जब सताव शुरू हुआ था| तब पवित्र आत्मा ने प्रेरितों की सहायता की उनको जबाब देने के लिए कलीसिया को सही रीति से लेकर चलने के लिया| ये सब काम वह पवित्र आत्मा की सहायता से ही कर पाए थे|

जो बातें यीशु मसीह ने कही थी| पवित्र आत्मा ने उन सब बातों को प्रेरितों को याद दिलाया| इसलिए प्रेरितों ने उन सब बातों को सही रीति से लिख पाए| हमारी मानसिक बुद्धि इतनी अच्छी नहीं थी| कि हम सब बातों को याद रख पाएँ| इसलिए पवित्र आत्मा ने प्रेरितों की मदद की उन बातों को लिखने के लिए जो बातें यीशु मसीह ने चेलों के साथ इस जमीन पर रहते हुए किये थी|

पवित्र आत्मा ने प्रेरितों को उन बातों को सिखाया भी कि किस तरह से उन कामों को करना हैं| जो बातें बताई गई हैं उनका वास्तविक अर्थ क्या हैं? किस तरह से उन बातों को कलीसिया में लागू करना हैं| यूहन्ना ने भी इस बात को अपनी पत्री में लिखा कि पवित्र आत्म आपको सिखाएगा आपको किसी व्यक्ति विशेष कि जरूरत नहीं हैं|

निष्कर्ष

इस लेख में हम ने सीखा कि किस तरह से परमेश्वर का आत्मा प्रेरितों के जीवन में काम कर रहा था| कैसे शुरुआती कलीसिया में प्रेरितों ने पवित्र आत्मा की मदद से कलीसिया को संभाला| जो मुश्किल आई उन सब को पवित्र आत्मा की मदद के द्वारा सुलझाया| पवित्र आत्मा ने ही प्रेरितों को उभारा और उनको लिखने ले लिए प्रेरित किया|

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